Navratri Navami 2022: नवरात्र के नवमें दिन मां दुर्गा के नवमें स्वरूप देवी सिद्धिदात्री की अराधना की जाती है. इस देवी को भगवान विष्णु की अर्धांगिनी भी कहा जाता है. सिद्धिदात्री, नाम से ही स्पष्ट है सिद्धियों को देने वाली. कहते हैं इनकी पूजा से व्यक्ति को हर प्रकार की सिद्धि प्राप्त होती है. मान्यता है कि मां सिद्धिदात्री भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करती हैं और उन्हें यश, बल और धन भी प्रदान करती हैं. शास्त्रों में मां सिद्धिदात्री को सिद्धि और मोक्ष की देवी माना जाता है.
ब्रह्म मुहूर्त- 04:38 am से 05:27 am
अभिजित मुहूर्त- 11:46 am से 12:33 pm
विजय मुहूर्त- 02:08 pm से 02:55 pm
गोधूलि मुहूर्त- 05:52 pm से 06:16 pm
अमृत काल- 04:52 pm से 06:22 pm
रवि योग- पूरे दिन