झारखंड में लोकसभा चुनाव संपन्न हो चुके हैं. भाजपा को तीन सीटों का नुकसान हुआ, तो जेएमएम अपना गढ़ दुमका और राजमहल बचाने में सफल रही. जोबा मांझी ने सिंहभूम सीट भी बचा ली. इस जीत हार की कहानी के बीच एक चेहरा खूब चमका, जिसकी चर्चा पूरे चुनाव भर में रही. वह चेहरा था जयराम महतो का. जयराम झारखंड भाषा संघर्ष समिति पार्टी के अध्यक्ष हैं. वहीं, युवाओं के बीच काफी लोकप्रिय भी हैं. यकिनन अगामी विधानसभा चुनाव में जयराम फैक्टर देखने को मिल सकता है, इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है. हम ऐसा लोकसभा चुनाव परिणाम में जयराम की पार्टी के प्रदर्शन के आधार पर कह रहे हैं. 29 साल के जयराम सहित उनके पार्टी के 8 उम्मीदवार इस लोकसभा चुनाव में खड़े हुए थे. 5 लोकसभा सीटों पर पार्टी के उम्मीदवार तीसरे स्थान पर रहते हैं. जयराम महतो ने खुद गिरीडीह से चुनाव लड़ा. वह तीसरे स्थान पर रहें. चुनाव में उनके प्रदर्शन का अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि वह जेएमएम के दिग्गज नेता मथुरा महतो से मात्र 20 हजार वोट पीछे थे. सिर्फ जयराम ने ही नहीं, बल्कि पार्टी के अन्य उम्मीदवारों ने भी इसी तरह से शानदार प्रदर्शन किया और मुकाबले को दिलचस्प बनाए रखा.
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Jharkhand : विधानसभा चुनाव में कितना चलेगा “जयराम” फैक्टर?
जीत हार की कहानी के बीच एक चेहरा खूब चमका, जिसकी चर्चा पूरे चुनाव भर में रही. वह चेहरा था जयराम महतो का. जयराम झारखंड भाषा संघर्ष समिति पार्टी के अध्यक्ष हैं.
By Raj Lakshmi
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