16 दिसंबर 1978 को दिन जब एक युवा ने 11वीं गोरखा राइफल्स की 5वीं बटालियन को ज्वाइन किया. उनके पिता भी इसी इसी यूनिट में थे. सेना में अपने सफर के दौरान इनके काम की इतनी चर्चा हुई कि सेना प्रमुख के पद से रिटायर होने के बाद अगले दिन ही 20 दिसंबर 2019 में उन्हें देश का पहला चीफ डिफेंस ऑफ स्टाफ नियुक्त किया गया. हम बात कर रहे हैं चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ शहीद बिपिन रावत की.
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) वह पोस्ट है, जो सीधे सरकार को सेना के बारे में सलाह देता है. इसमें नौसेना, वायु सेना और थल सेना तीनों ही सम्मिलित होती हैं. लंबे समय से इस बात को महसूस किया जा रहा था कि एक ऐसा पद होना चाहिए, जो तीनों ही सेनाओं के बीच एक कड़ी का काम करे. इसके लिए सरकार ने CDS की स्थापना की. जनरल बिपिन रावत देश के पहले CDS चुने गए थे.
पूरा देश तमिलनाडु में हुए दुखद हेलीकॉप्टर क्रैश से दुखी है. चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बिपिन रावत समेत सेना के कई सीनियर अधिकारी शहीद हो गए. देश ही नहीं दुनिया के कई देश इस हादसे पर हैरान है और अपनी संवेदनाएं व्यक्त कर रहे हैं. अमेरिका, रूस और पाकिस्तान सहित विभिन्न देशों ने बुधवार को प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत के निधन पर शोक व्यक्त किया. अमेरिकी दूतावास ने रावत परिवार और दुर्भाग्यपूर्ण हेलीकॉप्टर दुर्घटना में जान गंवाने वाले लोगों के परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की
शहीद बिपिन रावत का जन्म उत्तराखंड के उस परिवार में हुआ. इस परिवार की कई पीढ़ियों ने देश की सेवा में अपना योगदान दिया है. उनके पिता लक्ष्मण रावत आर्मी में लेफ्टिनेंट जनरल के पद पर थे. बिपिन रावत ने अपनी स्कूली शिक्षा देहरादून और शिमला से पूरी की. इसके बाद वे नेशनल डिफेंस एकेडमी और इंडियन मिलिट्री एकेडमी पहुंचे, जहां उन्हें ‘स्वॉर्ड ऑफ ऑनर’ मिला.