झारखंड, ओड़िसा, पश्चिम बंगाल के अलग-अलग कोनो से आए कुड़मी समाज से जुड़े संगठनों के लोगों का जुटान मंगलवार जमशेदपुर के गोपालमैदान में हुआ. इस जुटान की वजह चुआड़ विद्रोह के महानायक शहीद रघुनाथ महतो की को 285वीं जयंती थी. इस जनसभा में 30 हजार से अधिक लोगों ने इपनी उपस्थिति दर्ज करवाई.
वहीं, इस जनसभा के माध्यम से नेताओं ने कुड़मी को अनुसूचित जनजाति की सूची में शामिल करने का प्रस्ताव रखा. साथ ही प्रथम स्वतंत्रता सेनानी शहीद रघुनाथ महतो की प्रतिमा संसद भवन परिसर में स्थापित करने का भी प्रस्ताव रखा. इस जनसभा के माध्यम से कुड़मी नेताओं ने सरकार को स्पष्ट चेतावनी दी है. उन्होंने कहा कि मांगें पूरी नहीं होने पर फिर से अनिश्चितकालीन रेलटेका (रेल रोको) आंदोलन किया जायेगा.
कुड़मी जनसभा को लेकर पूरे शहर को बैनर-पोस्टर एवं पीला झंडों से पाट दिया गया था. जनसभा में झारखंड, पश्चिम बंगाल एवं ओडिशा से लाखों की संख्या में कुड़मी समाज के लोग पारंपरिक वेशभूषा, ढोल- नगाड़ा पारंपरिक हथियार, छऊ नाच, घोड़ा नाच, नटुवा नाच के साथ शामिल हुए. सभा को शीतल ओहदार, हरमोहन महतो, पूर्व सांसद आभा महतो, बंगाल झामुमो के नेता अजीत महतो, आंदोलनकारी जयराम महतो टाईगर, आंदोलनकारी पूर्व विधायक केशव महतो, प्रोफेसर अंजना महतो, रांची के डॉ राजाराम महतो, हजारीबाग के शिवलाल महतो, अजीत महतो, लालटू महतो, फणी भूषण, हरमोहन महतो, गोपाल महतो, शैलेंद्र महतो आदि ने भी संबोधित किया. बाहर से आये लोगों के लिए खिचड़ी, चना, गुड़ व पानी की व्यवस्था की गयी थी. कई स्टॉल लगे थे.