एक पुलिस के लिए सेवा का अंतिम दिन हो सकता है लेकिन कभी भी परिवार से विदाई नहीं ली जा सकती है. मैं पुलिस के इस परिवार से हमेशा जुड़ा रहूंगा. यह सिलसिला अभी और लंबा जाएगा. उक्त बातें झारखंड डीजीपी नीरज सिन्हा ने अपने कार्यकाल के अंतिम दिन कही. झारखंड डीजीपी के सेवानिवृत्त होने के अंतिम दिन डोरंडा स्थित जैप 1 ग्राउंड में विदाई समारोह का आयोजन किया गया.
कार्यक्रम की शुरुआत शहीद स्मारक पर पुष्प अर्पित कर की गई. जिसके बाद जैप की टुकड़ियों ने परेड की. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर मौजूद डीजीपी नीरज सिन्हा ने परेड की सलामी ली. इस दौरान मीडिया से बात करते हुए डीजीपी ने कहा कि जीवन के 40 साल मैंने पुलिस सेवा में दे दिए. अब मेरे लिए यह आराम करने का समय है. अपने कार्यकाल में सफलताओं पर बात करते हुए नीरज सिन्हा कहते हैं कि जिस बूढ़ा पहाड़ पर कल तक सरकार नहीं जा पा रही थी.
आज वहाँ पुलिस जा रही है. झारखंड में लगभग नक्सलवाद का खात्मा हो चुका है. अब वहाँ सरकार की योजनाएं भी पहुँच रही है. जो लोग सालों से नक्सलवाद के डर से अपना ही घर छोड़े हुए थे आज वो फिर से बस रहे हैं. यह पुलिस के नाते हमारी सबसे बड़ी सफलता है. वह आगे कहते हैं कि इस कार्यकाल में बस कोल्हान से नक्सलवाद का खात्मा न हो पाना बड़ी कसक रह गई. अपने साथियों से यही उम्मीद करता हूँ कि आने वाले समय में वहां से भी नक्सलवाद का खात्मा हो जाए. इस विदाई समारोह में डीजी, एसीबी अजय कुमार सिंह, डीजी ट्रेनी अनुराग गुप्ता, डीजी रेल अनिल पारटा मुख्य मंच पर मौजूद थे.