झारखंड में 18 अप्रैल को चुनाव की अधिसूचना जारी हो चुकी है. इसके साथ ही चौथे चरण में होने वाले लोकसभा चुनाव की गूंज से झारखंड पर भी लोकसभा चुनाव का रंग चढ़ चुका है. चुनाव आयोग के अनुसार झारखंड में 4 चरणो में चुनाव की प्रक्रिया पूरी होनी है. 13 मई को राज्य में सिंहभूम, खूंटी, लोहरगा, पलामू में चौथे चरण में मतदान होने हैं. ऐसे में हम आपको लेकर चलते हैं इस चुनावी सफर में हर लोकसभा सीट के दौरे पर. ऐसा दौरा जहां होगी हर चुनावी पहलू पर हमारी नजर, हम बतायेंगे आपको क्या है हर लोकसभा सीट पर इस बार का चुनावी मुद्दा, क्या रहा है झारखंड के तमाम लोकसभा सीट पर चुनावी ट्रेंड और किस आधार पर जनता चुनेगी अपना प्रतिनिधि
इस चुनावी सफर की शुरूआत करते हैं सबसे पहले झारखंड के सबसे चर्चित लोकसभा सीट सिंहभूम से. जहां इस बार के मुकाबले पर सबकी नजर रहेगी. अगर बात करें सिंहभूम लोकसभा सीट की तो 1952 में देश के लिए हुए पहले लोकसभा चुनावों में इस सीट का गठन नहीं हुआ था.1957 में दूसरे लोकसभा निर्वाचन के दौरान यह संसदीय क्षेत्र अस्तित्व में आया. इस सीट में कुल 6 विधानसभा है. सरायकेला, चाईबासा, मंझगांव, जगन्नाथपुर, मनोहरपुर और चक्रधरपुर विधानसभा सिंहभूम लोकसभा का हिस्सा है. यह सभी सीट अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है. ऐसे में समझा जा सकता है कि सिंहभूम लोकसभा सीट पर अनुसूचित जनजाति का खास दबदबा है. इस सीट पर उरांव, संथाल समुदाय, महतो (कुड़मी), प्रधान, गोप, गौड़ समेत कई अनुसूचित जनजाति और इसाई व मुस्लिम मतदाता निर्णायक भूमिका में रहते हैं. सिंहभूम जिले की कुल आबादी 19 लाख के करीब है, जिसमें 77 प्रतिशत ग्रामीण और 23 प्रतिशत शहरी आबादी है. इसमें अनुसूचित जाति 4.06 प्रतिशत और अनुसूचित जनजाति के लोगों की संख्या 58.72 प्रतिशत है.