राजमहल की पहाड़ियों और गंगा नदी से घिरा राजमहल लोकसभा क्षेत्र, ये पहाड़ियां लगभग 567 मीटर की ऊंचाई तक उठती हैं. इस लोकसभा में अकबर मस्जिद और बंगाल के नवाब मीर क़ासिम का महल है. लोकसभा की यह सीट पूरे साहेबगंज और पाकुड़ जिलों को कवर करती है. 6 विधानसभा को मिलाकर बनी राजमहल लोकसभा सीट जिसमें राजमहल, बोरियों, लिट्टीपाड़ा, बरहेट, पाकुड़, महेशपुर शामिल है. यह सीट पूरी तरह से अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित श्रेणी में आती है. अगर विधानसभा क्षेत्र की बात कर लें तो एकमात्र राजमहल विधानसभा में बीजेपी के विधायक है. बाकी 5 सीटों पर जेएमएम और कांग्रेस का झंडा बुलंद हैं. 2014 के आम चुनाव के दौरान इस सीट पर मतदाताओं की संख्या करीब 13.53 लाख थी. इसमें 6.91 लाख पुरुष और 6.61 लाख महिला मतदाता शामिल हैं. मध्य काल में इस क्षेत्र को उगमहल के नाम से जाना जाता था. इस सीट पर अगर पार्टियों के समीकरण की बात करें तो राजमहल सीट पर कांग्रेस ने 7, झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) ने 5, भाजपा ने दो बार और बीएलडी और जनता पार्टी ने एक-एक बार जीता है. ये झारखंड की एकमात्र ऐसी सीट है जिसपर वर्ष 2014 और 2019 में मोदी लहर का कोइ असर नहीं हुआ.
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Loksabha Chunav 2024: एनडीए या इंडिया किसका होगा राजमहल, या लोबिन बिगाड़ेंगे समीकरण?
राजमहल लोकसभा सीट पर इस बार क्या मुकाबला दो पक्षों के बीच का होगा यह फिर तीसरा कोण बनाने में लोबिन हेंब्रम सफल होते हैं.
By Raj Lakshmi
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