अब झारखंड में ओबीसी आरक्षण तय होने के बाद ही निकाय चुनाव होंगे. इसके लिए ट्रिपल टेस्ट कराया जायेगा. राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में बुधवार को नगर विकास विभाग व आवास विभाग के अधिसूचना को निरस्त करने का फैसला लिया गया है. पिछडा वर्ग के लिए स्थानीय निकायों में आरक्षण के संबंध में सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद यह फैसला लिया गया है. मंत्रिपरिषद की बैठक में जिला स्तरीय पदों पर सीधी नियुक्ति में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को 10 प्रतिशत आरक्षण देने का फैसला लिया है. पूर्व के संकल्प में संशोधन किया गया है. इसे तत्काल प्रभाव से लागू करने का फैसला लिया है.
उल्लेखनीय है कि राज्य में होनेवाली नियुक्तियों में राज्यस्तरीय आरक्षण रोस्टर में ईडब्ल्यूएस के आरक्षण का प्रावधान किया गया था, लेकिन जिला स्तरीय नियुक्ति में ईडब्ल्यूएस के लिए आरक्षण का प्रावधान अब तक नहीं हुआ था. इस कारण जिला स्तर पर होनेवाली नियुक्ति शुरू नहीं हो पा रही थी. राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2018 में राज्यस्तरीय नियुक्ति में10 फीसदी ईडब्ल्यूएस को आरक्षण देने संबंधी अधिसूचना जारी की गयी थी. अब राज्य सरकार द्वारा जिला स्तरीय नियुक्ति में भी ईडब्ल्यूएस को आरक्षण दिये जाने से जिला स्तरीय नियुक्ति में भी आरक्षण की सीमा 60 फीसदी हो गयी है.
राज्य में मैट्रिक व इंटर स्तर पर होनेवाली अधिकतर नियुक्ति जिलास्तरीय होती है. प्राथमिक व मध्य विद्यालय से लेकर हाइस्कूल तक के शिक्षकों का कैडर जिलास्तरीय है. ऐसे में अब इन सब नियुक्तियों में इडब्ल्यूएस कोटि के अभ्यर्थियों को आरक्षण मिलेगा. राज्य के प्राथमिक व मध्य विद्यालय में शिक्षकों के 50 हजार पद सृजित किये गये हैं. इन पदों पर जिलास्तर पर आरक्षण रोस्टर क्लियर किया गया है. परंतु ईडब्ल्यूएस के आरक्षण का प्रावधान नहीं होने के कारण आगे की प्रक्रिया पूरी नहीं की जा सकती थी.