prabhat khabar special: झारखंड के धनबाद की 85 वर्षीय सरस्वती देवी भगवान राम की एक ऐसी भक्त हैं, जो पिछले 30 वर्षों से मौन व्रत का पालन कर रही थी. उन्होंने अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन के बाद ही अपना व्रत तोड़ने का संकल्प लिया था, जो 22 जनवरी, 2024 को पूरा हुआ. सरस्वती देवी, जिन्हें ‘मौनी माता’ (मौन माता) के रूप में भी जाना जाता है, ने 6 दिसंबर, 1992 को मौन व्रत लिया था, जिस दिन हिंदू कार्यकर्ताओं ने अयोध्या में बाबरी मस्जिद को ध्वस्त कर दिया था, जिन्होंने दावा किया था कि यह भगवान राम की जन्मभूमि पर बनाया गया था. उनका मानना था कि विध्वंस दैवीय हस्तक्षेप का संकेत था और जल्द ही उस स्थान पर एक भव्य राम मंदिर का निर्माण किया जाएगा. उन्होंने अपना सपना पूरा होने तक चुप रहने की कसम खाई थी. वहीं राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा को लेकर 30 सालों तक मौन रहने वाली मौनी मइया सरस्वती देवी शुक्रवार को अपने परिवार के साथ प्रभात खबर के धनबाद कार्यालय पहुंचीं. उन्होंने प्रभात खबर परिवार को आशीर्वाद दिया. इस दौरान उन्होंने कहा कि अयोध्या उन्हें अपना पीहर और प्रभु श्रीराम-जनकी माता-पिता की तरह लगते हैं. उन्होंने सबके विकास व खुशहाली की कामना की. कहा कि प्रभात खबर परिवार का स्नेह पाकर वह अभिभूत हैं. मौनी मइया के साथ उनके बेटे हरिराम अग्रवाल, बहू सुधा अग्रवाल व बेटी सीता अग्रवाल भी थीं.
prabhat khabar special: राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा को लेकर 30 सालों तक मौन रहने वाली सरस्वती देवी पहुंची प्रभात खबर कार्यालय
राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा को लेकर 30 सालों तक मौन रहने वाली मौनी मइया सरस्वती देवी शुक्रवार को अपने परिवार के साथ प्रभात खबर के धनबाद कार्यालय पहुंचीं.
By Mahima Singh
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