ऋषि कपूर अब हमारे बीच नहीं हैं. उन्होंने 30 अप्रैल की सुबह 8 बजकर 45 मिनट पर अपनी आखिरी सांस ली. ऋषि कपूर एक महान अभिनेता ही नहीं बल्कि जिंदादिल इंसान भी थे. उन्हें अन्य एक्टरों की तरह कभी डिप्लोमेसी नहीं आई. जो बोले सीधा बोले. बिना किसी लाग लपेट को. उन्हें इस बात से फर्क नहीं पड़ता था कि, लोग उनकी बातों का बुरा मानेंगे या खुश हो जायेंगे. अस्पताल के स्टाफ का कहना है कि वो आखिरी वक्त तक हंसते और लोगों को हंसाते रहे.
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आखिरी वक्त में भी हॉस्पिटल स्टाफ का मनोरंजन करते रहे ऋषि कपूर
ऋषि कपूर अब हमारे बीच नहीं हैं. उन्होंने 30 अप्रैल की सुबह 8 बजकर 45 मिनट पर अपनी आखिरी सांस ली. ऋषि कपूर एक महान अभिनेता ही नहीं बल्कि जिंदादिल इंसान भी थे.
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