12.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

आइटी की 7 लाख नौकरियां खतरे में, अन्य सेक्टरों में भी संकट

ऑटोमेशन और ऑर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के बढ़ते इस्तेमाल से आइटी एवं बीपीओ इंडस्ट्री के अल्प कुशल कर्मचारियों की सात लाख नौकरियां खतरे में पड़ सकती हैं. अमेरिकी शोध फर्म एचएफएस रिसर्च के मुताबिक, 2016 में 24 लाख कार्यरत कर्मचारियों की संख्या 2022 में घट कर 17 लाख ही रह जायेगी. नौकरी गंवानेवालों में अधिकतर अल्प कुशल […]

ऑटोमेशन और ऑर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के बढ़ते इस्तेमाल से आइटी एवं बीपीओ इंडस्ट्री के अल्प कुशल कर्मचारियों की सात लाख नौकरियां खतरे में पड़ सकती हैं. अमेरिकी शोध फर्म एचएफएस रिसर्च के मुताबिक, 2016 में 24 लाख कार्यरत कर्मचारियों की संख्या 2022 में घट कर 17 लाख ही रह जायेगी. नौकरी गंवानेवालों में अधिकतर अल्प कुशल कर्मचारी होंगे, जबकि मध्यम और उच्च कुशलता वाले कर्मचारियों के लिए मौके बढ़ने की संभावना जतायी गयी है.
उच्च कुशल पेशेवरों के लिए बढ़ेंगे मौके
ऑटोमेशन के कारण आइटी/ बीपीओ इंडस्ट्री के रोजगार की प्रकृति में व्यापक बदलाव आयेगा. माना जा रहा है कि अल्प कुशल पेशेवरों के लिए 31 प्रतिशत नौकरियां कम हो जायेंगी, जबकि मध्यम-कुशल नौकरियों में 13 प्रतिशत और उच्च कुशल नौकरियां में 57 प्रतिशत तक का इजाफा होगा.
10 लाख नौकरियां होंगी 2022 तक आइटी/ बीपीओ इंडस्ट्री में मध्यम कुशल पेशेवरों के लिए, 2016 में इस स्तर पर नौ लाख नौकरियां थीं.
5.10 लाख नौकरियां होंगी 2022 तक उच्च कुशल पेशेवरों के लिए, जबकि 2016 में 3.20 लाख ही नौकरियां थी.
4.50 लाख नौकरियों का नुकसान होगा 2022 तक ऑटोमेशन के कारण, यानी 2016 में उपलब्ध 36.5 लाख नौकरियों के मुकाबले 2022 में 32 लाख नौकरियां ही रह जायेंगी.
आइटी ही नहीं, अन्य सेक्टरों में भी संकट
आइटी सेक्टर में रोजगार संकट से सहमे पेशेवरों के इतर फाइनेंशियल, इन्फ्रॉस्ट्रक्चर समेत कई अन्य सेक्टरों में भी नौकरियों के जाने की आहट सुनी जा रही है. देश में सर्वाधिक रोजगार देनेवाले सेक्टरों टेक्सटाइल, फूड प्रोसेसिंग और आइटी आधारित सेक्टरों पर ऑटोमेशन का खतरा मंडरा रहा है.
जहां एक ओर विश्व बैंक मानता है कि भारत में 69 नौकरियों पर ऑटोमेशन चुनौती पैदा कर रहा है, वहीं एचआर टेक सोल्युशंस फर्म पीपुलस्ट्रॉन्ग के अनुसार 2021 तक दुनिया की 10 में चार नौकरियों पर आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस अपना कब्जा जमा चुका होगा.
फाइनेंशियल सर्विसेज : आइटी सेक्टर में जारी बहस के बीच माना जा रहा है कि फाइनेंशियल सर्विसेज की नौकरियों में कमी आयेगी. प्रमुख निजी बैंक एचडीएफसी के मुताबिक, डिजिटलीकरण की वजह से अक्तूबर, 2016 से मार्च, 2017 के बीच 16000 से अधिक कर्मचारियों की कमी आयेगी. कस्टमर सर्विस को बेहतर बनाने के लिए बैंक पुराने स्टाफ को नयी तकनीकों से अपडेट करने और तकनीकी रूप से सक्षम नये स्टाफ की बहाली पर जोर दे रहे हैं.
मैन्युफैक्चरिंग : मैन्युफैक्चरिंग की कई बड़ी कंपनियों में नौकरियों में कटौती की गयी है.ऑटोमेशन के बल तेज होती प्रतिस्पर्धा में अपनी पकड़ बनाने के लिए कंपनियां नये सिरे से प्लानिंग कर रही हैं. बड़े उद्योगों में नौकरियों पर ऑटोमेशन प्रभावी स्तर पर अपना कब्जा जमा चुका है. मध्यम और लघु उद्योगों की कार्यशैली में तेजी से बदलाव आ रहा है. पहले से कार्यरत श्रम बल और अकुशल श्रमिकों के लिए चुनौती बढ़ रही है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें