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पांच दिवसीय दीपावली महोत्सव आज से शुरू, धनतेरस में इस मुहूर्त में करें खरीदारी, होगा लाभ

गुरुवार पड़ने के कारण इसकी महत्ता बढ़ गयी है त्रयोदशी को खरीदारी के लिए काफी समय मिलेगा रांची : पांच दिवसीय दीपावली महोत्सव मंगलवार से शुरू हो रहा है. इसकी तैयारी लोगों ने जोर-शोर से शुरू कर दी है. दीपावली महोत्सव के पहले दिन 17 अक्तूबर मंगलवार को धनतेरस है. इस दिन रात 11.55 बजे […]

गुरुवार पड़ने के कारण इसकी महत्ता बढ़ गयी है
त्रयोदशी को खरीदारी के लिए काफी समय मिलेगा
रांची : पांच दिवसीय दीपावली महोत्सव मंगलवार से शुरू हो रहा है. इसकी तैयारी लोगों ने जोर-शोर से शुरू कर दी है. दीपावली महोत्सव के पहले दिन 17 अक्तूबर मंगलवार को धनतेरस है. इस दिन रात 11.55 बजे तक त्रयोदशी है. इस कारण भक्तों को खरीदारी के लिए काफी समय मिलेगा. ज्योतिष डाॅ सुनील बर्मन ने कहा कि 16 अक्तूबर की रात में 12.47 बजे त्रयोदशी लग जायेगा, जो मंगलवार की रात 11.55 बजे तक रहेगी. कई लोग इस दिन यमदीया भी निकालते है अौर कई लोग इस दिन लक्ष्मी-गणेश की पूजा अर्चना भी करते हैं.
इस दिन आयुर्वेद की दुकानों से लेकर संस्थानों तक में अौषधि व स्वास्थ्य के स्वामी भगवान धन्वंतरि की पूजा-अर्चना की जायेगी.18 अक्तूबर को छोटी दीपावली व हनुमान जयंती है. इस दिन रात 11.34 बजे से अमावस्या लग रहा है, जो गुरुवार की रात 11.43 बजे तक है.
दीपों का त्योहार दीपावली 19 अक्तूबर को है. इस दिन धन की देवी लक्ष्मी जी की पूजा-अर्चना की जायेगी.इस दिन गुरुवार पड़ने के कारण इसकी महत्ता बढ़ गयी है. मालूम हो कि गुरुवार व अमावस्या को देवी की पूजा का विशेष महत्व है. इस दिन भगवान विष्णु की भी पूजा का दिन है. इस कारण एक साथ दो भगवान की पूजा का लाभ भक्तों को मिलेगा. इसके अलावा गुरुवार होने के कारण माता बाग्लामुखी की भी पूजा का विधान है. इसी दिन काली पूजा भी है.
अमावस्या तिथि में प्रदोषकाल में पूजा की प्रधानता होती है, साथ ही स्वाति नक्षत्र का होना भी जरूरी रहता है. इस वर्ष प्रदोष काल में स्वाति नक्षत्र का अभाव है. इसलिए सूर्यास्त के बाद से पूजा शुरू हो जायेगी. पूजन के लिए वृष व सिंह लग्न स्थिर लग्न है. वृष लग्न में गृहस्थ सबसे अधिक पूजा-अर्चना करते हैं.
इस दिन रात्रि 07.15 से 09.11 बजे तक वृष लग्न है. वहीं सिंह लग्न रात्रि 01.44 से 03.57 बजे तक है.दीपावली महोत्सव के चौथे दिन 20 अक्तूबर शुक्रवार को अन्नकूट, गोवर्धन पूजा अौर शनिवार 21 अक्तूबर को भैया दूज व चित्रगुप्त पूजा है. इसी दिन पांच दिवसीय दीपावली महोत्सव का समापन हो जायेगा.
धनतेरस के दिन पूजन के लिए मुहूर्त
वृश्चिक लग्न – दिवा 08.37 से 10.53 बजे
वृषभ – रात्रि 07.23 से 09.18 बजे
वृष – रात्रि 07.15 से 09.11 बजे
सिंह- रात्रि 01.44 से 03.57 बजे
अति आवश्यक में कुंभ- दिन में – 02.39 से 04.10 बजे तक
किस दिन कौन सा त्योहार व व्रत
15 : रंभा एकादशी
17 : धनतेरस,मास शिवरात्रि. भौम प्रदोष
18 : हनुमान जयंती
19. दीपावली व अमावस्या
– शुक्ल पक्ष (अक्तूबर माह में)
20. प्रतिपदा ,अन्नकूट, गोवर्धन पूजा
21. भैया दूज ,चित्रगुप्त पूजा
23. गणेश चतुर्थी
24. छठ का नहाय खाय
25. खरना
26. अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया जायेगा
27. उदीयमान सूर्य को अर्घ्य दिया जायेगा व पारणा
29. अक्षय नवमी
31 : प्रबोधिनी एकादशी
– नवंबर माह में
एक : तुलसी विवाह
दो: बैकुंठ चतुर्दशी
चार : पूर्णिमा व गुरुनानक जयंती

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