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बालाकोट में ही बनाया गया था पुलवामा हमले का प्लान, पाक सेना देती है आतंकियों को ट्रेनिंग, मुजफ्फराबाद में भी है आतंकी फैक्ट्री
आतंकी संगठन हिजबुल भी करता है बालाकोट प्रशिक्षण शिविर का इस्तेमाल भारत ने सीमापार पाकिस्तान स्थित बालाकोट, मुजफ्फराबाद और चिकोटी में बसे पाक आतंकी संगठनों का नेस्तनाबूद करके पुलवामा हमले का बदला ले लिया है. सूत्रों के मुताबिक, पुलवामा में सीआरपीएफ काफिले पर हमले के बाद 15 फरवरी को ही वायु सेना प्रमुख धनोआ ने […]
आतंकी संगठन हिजबुल भी करता है बालाकोट प्रशिक्षण शिविर का इस्तेमाल
भारत ने सीमापार पाकिस्तान स्थित बालाकोट, मुजफ्फराबाद और चिकोटी में बसे पाक आतंकी संगठनों का नेस्तनाबूद करके पुलवामा हमले का बदला ले लिया है. सूत्रों के मुताबिक, पुलवामा में सीआरपीएफ काफिले पर हमले के बाद 15 फरवरी को ही वायु सेना प्रमुख धनोआ ने एनएसए को आतंकी संगठनों के शिविरों पर एयर स्ट्राइक की योजना के बारे में बताया था.
अपनी योजना में उन्होंने हमले के लिए बालाकोट को चुना. धनोआ ने इसकी वजह भी बतायी. कहा जा रहा है कि पुलवामा में भारतीय सुरक्षा बलों पर हमले की साजिश पाकिस्तान के बालाकोट में ही आतंकियों ने तैयार की थी. बालाकोट में एयर स्ट्राइक की एक दूसरी वजह यह भी रही क्योंकि पाकिस्तान की सेना नियमित तौर पर इस इलाके में आतंकियों को प्रशिक्षित करती है ताकि भारत के खिलाफ अातंकी हमले में उनका इस्तेमाल कर सके. इसका इस्तेमाल हिजबुल आतंकवादी समूह द्वारा भी किया गया था. बालाकोट शिविर जैश-ए-मोहम्मद और अन्य आतंकवादी संगठनों का एक महत्वपूर्ण प्रशिक्षिण शिविर था और इसमें प्रशिक्षण लेने वाले आतंकवादियों के रहने और ट्रेनिंग की तमाम सुविधाएं थीं. सूत्रों ने कहा कि कुन्हर नदी के किनारे स्थित बालाकोट शिविर जलीय प्रशिक्षण की सुविधा मुहैया कराता था और वहां सैकड़ों आतंकवादी रहते थे.
बालाकोट नगर से 20 किलोमीटर दूर स्थित इस शिविर का इस्तेमाल युद्ध प्रशिक्षण के लिए किया जाता था और उसके प्रशिक्षक पाकिस्तानी सेना के पूर्व अधिकारी थे. बालाकोट शिविर में आतंकवादियों को हथियारों, विस्फोटकों और रणक्षेत्र रणनीति, सुरक्षा बलों के काफिले पर हमला, आइइडी बनाने और लगाने, आत्मघाती बम विस्फोट करने, आत्मघाती हमले और उच्च ऊंचाई एवं अत्यधिक तनाव की स्थितियों में जीवित रहने के लिए प्रशिक्षण दिया जाता था.
जानें कहां है बालाकोट, वायुसेना ने इसे ही क्यों बनाया अपना टारगेट
यहां इन कारणों से हुआ हमला
पुलवामा हमले की साजिश यहीं रची गयी, यहां जैश-ए-मोहम्मद और अन्य आतंकी संगठनों का एक महत्वपूर्ण प्रशिक्षिण शिविर था, जिसे ध्वस्त कर दिया गया
पाक सेना नियमित तौर पर इस इलाके में भारत पर हमला करने के लिए आतंकियों को करती थी प्रशिक्षित
हिजबुल आतंकवादी समूह द्वारा भी इसका किया जाता था इस्तेमाल
कुन्हर नदी के किनारे स्थित बालाकोट शिविर जलीय प्रशिक्षण की सुविधा भी मुहैया कराता था
हर तरह की ट्रेनिंग की सुविधा
बालाकोट शिविर में आतंकवादियों को हथियारों, विस्फोटकों और रणक्षेत्र रणनीति, सुरक्षा बलों के काफिले पर हमला, आइइडी बनाने और लगाने, आत्मघाती बम विस्फोट करने, आत्मघाती हमले और उच्च ऊंचाई एवं अत्यधिक तनाव की स्थितियों में जीवित रहने के लिए रणनीति का प्रशिक्षण दिया जाता था.
मुजफ्फराबाद : यहां भी है आतंकियों की फैक्ट्री
मुजफ्फराबाद भी खैबर पख्तूनख्वा प्रांत का एक जिला है. यह झेलम और नीलम नदी के किनारे बसा है. यह जिला भारत के कुपवाड़ा और बारामुला जिले के करीब है. पिछले साल ही भारतीय इंटेलिजेंस को पाक अधिकृत कश्मीर की राजधानी मुजफ्फराबाद में आतंकी कैंप को बसाने की सूचना मिली थी. यह काम पाकिस्तानी सेना के सहयोग से हो रहा था.
पीओके में आतंकी कैंपों को भारत द्वारा तबाह किये जाने के बाद पाकिस्तान ने अपनी रणनीति में बदलाव किया और पीओके के शुरुआती इलाकों से आगे के इलाकों में कैंप बसाने शुरू कर दिये थे. इंटेलिजेंस रिपोर्ट का आकलन था कि इन कैंप में जैश-ए-मोहम्मद, हिज्बुल मुजाहिदीन और लश्कर ए-तैयबा जैसे संगठनों के 500 से अधिक आतंकी कैंप में ट्रेनिंग लेते हैं.
चकोटी : यहां से 450 आतंकियों को भारत भेजने की थी तैयारी
चकोटी पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर का एक हिस्सा है. चकोटी की दूरी एलओसी से करीब 44 किलोमीटर बतायी जा रही है. यह पाकिस्तान के मुजफ्फराबाद से 52 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. माना जा रहा है कि इन हमलों में जैश-ए-मोहम्मद के कई आतंकी संगठन तबाह हुए हैं.
सूत्रों के मुताबिक, पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आइएसआइ और पाक सेना की ओर से 450 आतंकियों को भारतीय सीमा में भेजने के लिए प्लान तैयार कर लिया गया था जिसकी सिलसिलेवार जानकारी भारतीय खुफिया एजेंसियों के पास आ रही थी. 13 नये लॉन्चिंग पैड के जरिये पाकिस्तान भारतीय सीमा में घुसपैठ कराने की फिराक में था.
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