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यादगार है सुषमा का राजनीतिक सफर
सरताज अजीज पूर्व पाकिस्तानी विदेशमंत्री सुषमा जी से मेरी पहली मुलाकात वर्ष 1998 में हुई थी. वे उस समय दिल्ली की मुख्यमंत्री थीं. एक प्रतिनिधिमंडल के साथ पाकिस्तान दौरे पर आयी थीं, मैं उस वक्त विदेशमंत्री था. वे कहती थीं कि हम दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक संबंध, खेल और आमजन से जुड़ाव बहुत जरूरी […]
सरताज अजीज
पूर्व पाकिस्तानी विदेशमंत्री
सुषमा जी से मेरी पहली मुलाकात वर्ष 1998 में हुई थी. वे उस समय दिल्ली की मुख्यमंत्री थीं. एक प्रतिनिधिमंडल के साथ पाकिस्तान दौरे पर आयी थीं, मैं उस वक्त विदेशमंत्री था. वे कहती थीं कि हम दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक संबंध, खेल और आमजन से जुड़ाव बहुत जरूरी है.
मई, 2014 में जब वे विदेशमंत्री बन गयीं, तो उसके बाद उनसे कई बार मिलने और बात करने का मौका मिला. कई अंतरराष्ट्रीय मंचों पर हम साथ मिले और दोनों देशों के बीच वार्ता को आगे बढ़ाने पर सहमत हुए. नेपाल में जून, 2015 में सार्क सम्मेलन के दौरान तीन दिनों तक विदेश मंत्रालय स्तर की बैठक हुई.
उस दौरान पंजाबी भाषा में हमारी सफल बातचीत को देखकर हमारे अधिकारियों ने कहा कि खुदा करे कि वार्ता का यह सिलसिला यूं ही चलता रहे. उनके साथ मुझे एक बेहतरीन पल याद है.
नौ दिसंबर, 2015 को जब वे पाकिस्तान दौरे पर आयी थीं. इस्लामाबाद में हेड ऑफ एशिया कॉन्फ्रेंस में एक बार फिर प्रतिनिधिमंडल स्तर पर उनसे वार्ता हुई. बड़े मुश्किल हालात में हम सहमत हुए कि बातचीत का सिलसिला फिर से शुरू होना चाहिए. फिर उरी और पठानकोट की घटना के बाद बातचीत का सिलसिला थम गया. .
मुझे उम्मीद थी कि बातचीत शुरू होती, तो हालात जरूर बदलते, लेकिन यह मौका न उन्हें मिला और न ही मुझे. जब इस्लामाबाद आयी थीं, तो उन्हें यहां घूमना और खाना-पीना अच्छा लगा. जब 2017 में वे अस्पताल में भर्ती थीं, तो मैंने उनके लिए एक बुके भिजवाया. उनके स्वास्थ्य के लिए हमने दुआएं कीं. उसके बाद उनका एक शुक्रिया का खत आया था.
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