22.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

पत्रकार और उनका नजरिया

झारखंड में पत्रकारिता से जुड़े ज्यादातर लोग बाहर के हैं. उनकी सोच, उनकी दृष्टि, उनके अपने परिवेश अौर नजरिये से संचालित होती है. इस वजह से अक्सर वे स्थानीय मुद्दे, समस्याअों को अपने तरीके से देखते हैं. इसे ऐसे भी कह सकते हैं कि अपने पूर्वाग्रहों की वजह से वे झारखंडी भावनाअों को नहीं समझ […]

झारखंड में पत्रकारिता से जुड़े ज्यादातर लोग बाहर के हैं. उनकी सोच, उनकी दृष्टि, उनके अपने परिवेश अौर नजरिये से संचालित होती है. इस वजह से अक्सर वे स्थानीय मुद्दे, समस्याअों को अपने तरीके से देखते हैं. इसे ऐसे भी कह सकते हैं कि अपने पूर्वाग्रहों की वजह से वे झारखंडी भावनाअों को नहीं समझ पाते हैं.
हालांकि झारखंड में गैरआदिवासी लोगों में भी कई ऐसे नाम हैं, जो झारखंड या झारखंडी भावनाअों को समझते हैं. पर ज्यादातर लोग अभी भी झारखंड या झारखंडियों को अपने नजरिये से देखते हैं. मैं ऐसे कई एनजीअो को जानता हूं , जहां शीर्ष स्थानों पर आदिवासी हैं, पर वहां भी उनकी प्रतिभा को मान्यता नहीं दी जाती.
यहीं हाल कमोवेश लेखन में भी है. उदाहरण के रूप में मैं एक कहानी का जिक्र करना चाहता हूं, उस कहानी में लेखक, पाहन का जिक्र पंडित की तरह करते हैं, जबकि पंडित अौर पाहन एक दूसरे से काफी अलग हैं.
एक अौर बात है कि हिंदी पत्रकारिता में लोग आदिवासियों को वह दर्जा नहीं देना चाहते, जिनके वह हकदार होते हैं. वे यह मानने को तैयार नहीं होते हैं कि आदिवासी अपने तरीके से काम कर सकते हैं. उनकी प्रतिभाअों को ऊभारने के लिए प्रोत्साहित नहीं करते.
जब भी कोई प्रतिभा उन्हें चैलेंजिंग लगती है, तो वे उसे स्वीकार नहीं करते हैं. मेरा एक सवाल अौर है झारखंड में जनजातीय या क्षेत्रीय भाषाअों में कॉलम क्यों नहीं हैं. क्या इन भाषाअों में कॉलम लिखने के लिए लेखक नहीं है? मैं मंजीत सिंह संधू का नाम लेना चाहता हूं, वह एकमात्र बाहरी लेखक या पत्रकार था, जिसने मुंडारी भाषा में कॉलम लिखा. मुंडारी भाषा में उसके लेख प्रभात खबर में प्रकाशित हुए. अौर किसी ने भी इतनी कोशिश नहीं की, जिसने यहां के जनता की भाषा सीखी अौर उनकी जरूरत की चीजों को पत्रकारिता के माध्यम से रखा.
सही दिशा दे रही
पत्रकारिता
टीपी पति
लेखक डीएवी रांची जोन के निदेशक हैं
पत्रकारिता का पेशा अन्य पेशा के मुकाबले अलग इसलिए भी हो जाता है कि यह हमेशा दूसरों के बारे सोचता है़ राज्य में पत्रकारिता के बारे थोड़े शब्दों में कहना आसान नहीं है़ यहां की पत्रकारिता ने राज्य को सही दिशा देने का काम किया है़ चाहे राज्य निर्माण की बात हो या फिर राज्य को सही तरीके से चलाने की बात़ सामूहिक रूप से राज्य में पत्रकारिता की स्थिति काफी उन्नत है़
इस प्रोफेशन में नये लोगों के आने और अनुभवी लोगों के बने रहने का फायदा राज्य को मिला है़ जहां नये लोगों ने राज्य के भविष्य निर्माण के लिए संभावित क्रियाकलापों और दिशा निर्देश से लोगों को अवगत कराया है, वहीं पुराने अनुभवी लोगों ने उनके संभावित प्रस्तावों को कैसे मूर्त रूप प्रदान किया जाये, इसके बारे बताया़ राज्य को यहीं से फायदा मिला है़
आज पत्रकारिता ही है, जिसने राज्य को आइआइएम व लॉ यूनिवर्सिटी दिलायी है़ यहां के बच्चों को देश के सर्वश्रेष्ठ संस्थाओं से जुड़ने का अवसर दिया है़ जिस गति से राज्य के शैक्षणिक स्तर में बढ़ाेत्तरी हो रही है, इसका श्रेय पत्रकारिता काे ही है़ यहां की पत्रकारिता लोगों की बात, लोगों के साथ करती है़ राज्य के विकास में इसकी भूमिका सराहनीय है़

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें