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घृणा अपराध बढ़ा, तो अमेरिका से प्रेम घटा

भारत से अमेरिकी संस्थानों में अंडर ग्रेजुएट आवेदनों में 26 फीसदी की कमी वाशिंगटन : हाल के वर्षों में अमेरिका जाकर पढ़ाई करनेवाले भारतीय विद्यार्थियों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही थी. लेकिन, नस्लीय भेदभाव और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की वीजा नीति में संभावित फेरबदल की वजह से भारतीय खौफजदा हैं. इस साल अमेरिकी संस्थानों […]

भारत से अमेरिकी संस्थानों में अंडर ग्रेजुएट आवेदनों में 26 फीसदी की कमी
वाशिंगटन : हाल के वर्षों में अमेरिका जाकर पढ़ाई करनेवाले भारतीय विद्यार्थियों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही थी. लेकिन, नस्लीय भेदभाव और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की वीजा नीति में संभावित फेरबदल की वजह से भारतीय खौफजदा हैं. इस साल अमेरिकी संस्थानों में कम संख्या में आवेदन पहुंचे हैं.
अमेरिका में घृणा अपराधों की विभिन्न घटनाओं और ट्रंप प्रशासन की वीजा नीतियों में संभावित बदलावों का असर भारत के विद्यार्थियों पर भी पड़ा है. डर एवं चिंता की वजह से अमेरिकी विश्वविद्यालयों में भारतीय छात्रों के आवेदनों की संख्या में भारी कमी देखी गयी है. पिछले सत्र के मुकाबले करीब 40 फीसदी कम विद्यार्थियों ने इस साल अमेरिका में पढ़ाई के लिए आवेदन किया है. अमेरिका में पिछले कुछ वर्षों से छात्रों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही थी. लेकिन, ताजा आंकड़ा इस वजह से भी चिंताजनक है कि न केवल भारत, बल्कि चीन से भी कम आवेदन पहुंचे हैं.
अमेरिका के 250 से अधिक कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में किये गये सर्वे के अनुसार, इस बार पंजीकरण करवानेवाले भारतीय छात्रों के अंडर ग्रेजुएट आवेदनों में 26 प्रतिशत की और ग्रेजुएट आवेदनों में 15 प्रतिशत की गिरावट आयी है. यह सर्वे अमेरिका के छह शीर्ष उच्च शिक्षा समूहों ने किया है. हालांकि, ओपन डोर्स-2016 नामक इस रिपोर्ट का पूरा ब्योरा इस सप्ताह के अंत में जारी किया जाना है. इन उच्च शैक्षणिक संस्थानों ने अंतरराष्ट्रीय छात्रों की ओर से आनेवाले आवेदनों में औसतन 40 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की है. रिपोर्ट में कहा गया कि अमेरिका में अंतरराष्ट्रीय छात्र पंजीकरण में भारत और चीन के छात्रों की हिस्सेदारी 47 प्रतिशत की है. अमेरिका में पढ़नेवाले भारतीय और चीनी छात्रों की संख्या लगभग पांच लाख है.
चीनी छात्रों की भी रुचि कम : अंडर ग्रेजुएट कोर्स में प्रवेश के लिए चीनी छात्रों की ओर से आनेवाले आवेदनों में 25 प्रतिशत और ग्रेजुएट कोर्स में प्रवेश के लिए आनेवाले आवेदनों में 32 प्रतिशत की गिरावट आयी है.
पिछले वर्ष 30% की वृद्धि : पिछले वर्ष अमेरिका में भारतीय छात्रों की संख्या 30 फीसदी बढ़ कर 132,888 हो गयी थी. अमेरिकी अर्थव्यवस्था में इनका योगदान 3.6 अरब रुपये से भी अधिक है.
अधिकतर भारतीय छात्र अमेरिका में स्नातक स्तर की पढ़ाई कर रहे हैं. वहीं, वर्ष 2014-15 में भारतीय छात्रों की संख्या पिछले 18 वर्षों में सबसे ज्यादा बढ़ी थी. एक रिपोर्ट के अनुसार, 2014-15 में 9,74,926 विदेशी छात्र अमेरिकी संस्थाओं में पढ़ाई कर रहे थे. इनमें 65 फीसदी एशिया, 9.3 फीसदी यूरोप, 8.9 फीसदी लैटिन अमेरिका, 10.6 फीसदी मध्यपूर्व तथा उत्तरी अफ्रीका और 3.4 फीसदी सहारा क्षेत्र के हैं. इनमें भारतीय छात्र करीब 13 फीसदी हैं, जबकि चीनी छात्रों का अनुपात 30 फीसदी से ज्यादा है.

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