Bengal Election 2021: पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में एक बड़े चेहरे पीरजादा अब्बास सिद्दीकी पर सभी की नजरें हैं. अपने बयानों से विरोधी पार्टियों को घेरने वाले पीरजादा अब्बास सिद्दीकी को बंगाल चुनाव के रिजल्ट से पहले ही कांग्रेस पार्टी पर भरोसा नहीं रहा है. पीरजादा अब्बास सिद्दीकी की पार्टी आईएसएफ ने कांग्रेस और लेफ्ट के साथ मिलकर तीसरा मोर्चा बनाया है. अब, छठे चरण की वोटिंग के बाद पीरजादा अब्बास सिद्दीकी का कहना है कि कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी की बीजेपी के साथ भीतरी सांठगांठ है. एक बंगाली अखबार से बातचीत करते हुए पीरजादा अब्बास सिद्दीकी ने कांग्रेस पर कई आरोप लगाए हैं.
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पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के छठे चरण की वोटिंग के बाद सातवें और आठवें फेज पर सभी की नजरें टिकी हैं. सातवें चरण में 36 में से 34 और आठवें चरण में 35 सीटों पर वोटिंग होगी. सातवें फेज की 36 में से दो सीटों (शमशेरगंज और जंगीपुर) के प्रत्याशी की कोरोना से मौत के बाद यहां 16 मई को वोटिंग होगी. ऐसे में सातवें-आठवें चरण में 69 सीटों पर वोटिंग है.
यहां जिक्र करना जरूरी है कि सातवें और आठवें चरण की वोटिंग में मालदा और मुर्शिदाबाद पर सभी की नजरें हैं. मालदा में 12 और मुर्शिदाबाद में 22 सीटों के लिए सातवें और आठवें चरण में मतदान होना है. इसके पहले बंगाल के सियासी मैदान में सरगर्मी तेज हो चुकी है. लेफ्ट और कांग्रेस के साथ गठबंधन में शामिल आईएसएफ के चीफ पीरजादा अब्बास सिद्दीकी ने बड़ा बयान दिया है. पीरजादा अब्बास सिद्दीकी को कांग्रेस का साथ रास नहीं आ रहा है. बंगाल विधानसभा चुनाव में पीरजादा अब्बास सिद्दीकी की पार्टी 26 सीटों पर चुनाव लड़ रही है.
माना जा रहा है कि पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के छह चरणों के बाद अब्बास सिद्दीकी को लेफ्ट गठबंधन की हालत का अंदाजा लग गया है. लिहाजा उन्होंने पहले ही अपनी स्थिति साफ कर दी है, जिससे वो रिजल्ट निकलने के बाद सरकार बनाने वाले दल में शामिल हो सकें. अब्बास सिद्दीकी के फैसले को बिहार के विकासशील इंसान पार्टी मतलब वीआईपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और बिहार सरकार में मंत्री मुकेश सहनी से जोड़कर देखा जा रहा है. मुकेश सहनी ने एनडीए के साथ चुनाव लड़ा और विधान परिषद के रास्ते मंत्रीपद तक पहुंच गए. पश्चिम बंगाल के हिसाब से देखें तो मुकेश सहनी का फॉर्मूला फेल है. पश्चिम बंगाल में विधान परिषद नही हैं.
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अब्बास सिद्दीकी के कांग्रेस का साथ पसंद नहीं आने के कारण पता नहीं चला है. दरअसल, पीरजादा अब्बास सिद्दीकी बंगाल चुनाव के एलान के पहले से सियासी गलियारों में धमक बढ़ाने में जुटे थे. बंगाल चुनाव में अब्बास सिद्दीकी की आईएसएफ और असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM के बीच गठबंधन की खबरें आने लगी. बाद में अब्बास सिद्दीकी ने पाला बदला और लेफ्ट, कांग्रेस के गठबंधन में शामिल होने का एलान कर डाला. बंगाल चुनाव के हर फेज के बाद लेफ्ट समर्थित गठबंधन में शामिल दलों की गांठ खुलती चली गई. आज आईएसएफ के चीफ पीरजादा अब्बास सिद्दीकी का कहना है कि उनको कांग्रेस का साथ रास नहीं आ रहा है.