कोलकाता : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को दावा किया कि आलापन बंद्योपाध्याय अध्याय अब बंद हो चुका है. साथ ही ममता ने पुरजोर शब्दों में कहा कि केंद्र सरकार के बुलावे पर दिल्ली नहीं जाने को लेकर उपजे विवाद के मसले पर उनका प्रशासन पूर्व मुख्य सचिव के साथ खड़ा है.
ममता बनर्जी ने एक सवाल के जवाब में संवाददाताओं से कहा, ‘आलापन बंद्योपाध्याय अध्याय अब समाप्त हो चुका है. उनके आस-पास जो कुछ भी घटित हो रहा है, पश्चिम बंगाल सरकार उसमें आलापन बंद्योपाध्याय को पूरा समर्थन देगी.’ आलापन बंद्योपाध्याय 31 मई को सेवानिवृत्त होने वाले थे.
राज्य ने हाल ही में उनके कार्यकाल को तीन महीने के लिए बढ़ाने की अनुमति मांगी थी और इसकी अनुमति मिल भी गयी, क्योंकि उन्होंने कोविड-19 महामारी के खिलाफ लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी थी. लेकिन, चक्रवाती तूफान के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बुलायी गयी एक समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री और राज्य के मुख्य सचिव के भाग नहीं लेने को लेकर विवाद पैदा होने के तुरंत बाद उन्हें केंद्र की ओर से तबादले का निर्देश सौंपा गया था.
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केंद्र और राज्य के बीच जारी टकराव के बीच नौकरशाह ने दिल्ली जाने की बजाय सेवानिवृत्ति को चुना. इसके तुरंत बाद उन्हें बंगाल की मुख्यमंत्री का मुख्य सलाहकार नियुक्त कर दिया गया. केंद्र और ममता बनर्जी की सरकार के बीच जारी रस्साकशी के बीच केंद्रीय गृह मंत्रालय ने आपदा प्रबंधन अधिनियम के कड़े प्रावधान के तहत आलापन बंद्योपाध्याय को कारण बताओ नोटिस जारी किया है, जिसमें दो साल तक की कैद का प्रावधान है.
आलापन बंद्योपाध्याय ने बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के मुख्य सलाहकार के रूप में काम काज करना शुरू कर दिया है. मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में बुधवार को हुई सिंचाई विभाग की बैठक में वह मौजूद थे. आलापन बनर्जी और केंद्र सरकार के बीच टकराव के मुद्दे पर विशेषज्ञों की अलग-अलग राय है. कोई केंद्र के नोटिस को सही ठहरा रहा है, तो कोई इसे गलत बता रहा है. साथ ही कहा जा रहा है कि आलापन के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो पायेगी.
Posted By: Mithilesh Jha