West Bengal News: पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिला के रामपुरहाट के एक नंबर ब्लॉक के बड़साल ग्राम पंचायत अंतर्गत बागटुई गांव में 21 मार्च की रात को तृणमूल नेता तथा उपप्रधान भादू शेख की बम मारकर हत्या कर दी गयी थी. इसके बाद उसी रात गांव के कुछ घरों में आग लगाकर 10 लोगों को जिंदा जला दिया गया. इस मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने दो अलग-अलग चार्जशीट पेश की है. सोमवार को रामपुरहाट महकमा अदालत में दोनों चार्जशीट पेश की गयी.
केंद्रीय जांच एजेंसी के अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि सीबीआई ने शेख की हत्या में दायर आरोप पत्र में चार लोगों को आरोपी बनाया है, जबकि तृणमूल कांग्रेस नेता अनारुल हुसैन समेत 18 लोगों को आगजनी के मामले में नामजद किया है. भादू शेख की हत्या के बाद बागटुई गांव में 21 मार्च की रात बदले की कार्रवाई करते हुए भीड़ ने घरों पर बम फेंके और उनमें आग लगा दी, जिससे महिला और बच्चों सहित 10 लोग जिंदा जल गये.
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तृणमूल कांग्रेस के रामपुरहाट पंचायत नेता भादू शेख पर उसी शाम को बम से हमला किया गया था. इसमें भादू शेख की मौत हो गयी. कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश के बाद सीबीआई ने मामले की जांच अपने हाथ में ले ली थी. बागटुई हिंसा और आगजनी से संबंधित अपने आरोप पत्र में सीबीआई ने आरोप लगाया है कि यह शेख की हत्या का ‘सीधा नतीजा’ था. आरोप है कि शेख की हत्या के बाद उसके वफादारों और संगठन के सदस्यों ने गांव में विरोधियों के घरों में आग लगा दी.
सीबीआई ने आरोप लगाया है कि क्षेत्र में प्रभुत्व और वाणिज्यिक वाहनों तथा अन्य गैरकानूनी गतिविधियों से धन के अवैध संग्रह पर नियंत्रण के लिए भादू शेख, पलाश शेख और सोना शेख के संगठन के बीच लंबे समय से प्रतिद्वंद्विता थी.
आरोप पत्र दायर होने के बाद अदालत ने भादू शेख की हत्या के मामले में फरार चार आरोपियों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर जल्द से जल्द सभी को गिरफ्तार करने का निर्देश दिया. अदालत को बताया गया कि अब तक भादू शेख की हत्या मामले में फरार चारों आरोपियों का कोई सुराग नहीं मिल पाया है. यह सुनते ही अदालत ने फरार लालन शेख समेत चारों आरोपियों की गिरफ्तारी के निर्देश दिये.