14.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

चार चरणों के बाद चुनाव प्रचार में राहुल गांधी के आने का मतलब, इस रणनीति के तहत कांग्रेस ने लिया फैसला

Bengal Election 2021: पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में लेफ्ट, आईएसएफ के साथ गठबंधन में उतरी कांग्रेस पार्टी 92 सीटों पर चुनाव लड़ रही है. बंगाल में चार चरणों की वोटिंग होने के बाद बाकी बचे चार चरणों के लिए प्रचार जारी है. इसी बीच 14 अप्रैल से कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के मिशन बंगाल का आगाज भी हो चुका है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी की शुरुआती सभा के लिए सिलीगुड़ी जिले के माटीगारा-नक्सलबाड़ी और उत्तर दिनाजपुर जिले के गोलपोखर को चुना गया. आने वाले दिनों में राहुल गांधी दूसरी जगहों पर भी चुनाव प्रचार करेंगे. बड़ा सवाल यह है कि आखिर चार चरणों के बाद राहुल गांधी बंगाल में प्रचार क्यों कर रहे हैं?

Bengal Election 2021: पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में लेफ्ट, आईएसएफ के साथ गठबंधन में उतरी कांग्रेस पार्टी 92 सीटों पर चुनाव लड़ रही है. बंगाल में चार चरणों की वोटिंग होने के बाद बाकी बचे चार चरणों के लिए प्रचार जारी है. इसी बीच 14 अप्रैल से कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के मिशन बंगाल का आगाज भी हो चुका है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी की शुरुआती सभा के लिए सिलीगुड़ी जिले के माटीगारा-नक्सलबाड़ी और उत्तर दिनाजपुर जिले के गोलपोखर को चुना गया. आने वाले दिनों में राहुल गांधी दूसरी जगहों पर भी चुनाव प्रचार करेंगे. बड़ा सवाल यह है कि आखिर चार चरणों के बाद राहुल गांधी बंगाल में प्रचार क्यों कर रहे हैं?

दरअसल, केरल में कांग्रेस पार्टी लेफ्ट के खिलाफ थी और बंगाल में लेफ्ट के साथ चुनाव लड़ रही है. यही कारण है कांग्रेस के दिग्गज नेताओं ने केरल विधानसभा चुनाव की वोटिंग होने तक इंतजार किया. अब, राहुल गांधी ने मिशन बंगाल का आगाज किया है. यहां समझने वाली बात है कि राहुल गांधी के आसरे कांग्रेस मालदा और मुर्शिदाबाद जिले पर फोकस करना चाह रही है.

Also Read: 14 अप्रैल से राहुल गांधी के हाथ में ‘मिशन बंगाल’ की कमान, रैलियों पर मचा है सियासी घमासान
बाकी बचे चरणों के लिए प्रचार और कांग्रेस

पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में मालदा और मुर्शिदाबाद जिले में सातवें और आठवें चरणों में वोटिंग होनी है. इन दोनों जिलों में मुस्लिम मतदाताओं की संख्या काफी ज्यादा है. इन्हें कई सीटों पर गेमचेंजर भी माना जाता है. इन इलाकों में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी का बड़ा प्रभाव माना जाता है. साल 2016 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी को 44 सीटें मिली थी. इसमें से ज्यादातर सीटें उत्तर बंगाल की थी. यही कारण है कि कांग्रेस पार्टी मुर्शिदाबाद, मालदा और दिनाजपुर जैसे जिलों में पिछले प्रदर्शन को दोहराना चाहती है. कांग्रेस को उम्मीद है कि राहुल गांधी के बंगाल में प्रचार करने से पार्टी को बड़ा फायदा मिल सकता है. सूत्रों की मानें तो पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के बाकी बचे चरणों में राहुल गांधी आधा दर्जन रैलियां करेंगे.

Also Read: नंदीग्राम में ‘हमले’ के 30 दिन, अब तक अपने पैरों पर नहीं ‘खड़ी’ हुई हैं TMC सुप्रीमो ममता बनर्जी…
इस वजह से राहुल गांधी के प्रचार में देरी

चुनाव के बाकी चार चरणों के लिए प्रचार शुरू करने वाले राहुल गांधी की देरी सोची-समझी रणनीति का हिस्सा है. कांग्रेस पार्टी ने बंगाल में लेफ्ट, आईएसएफ के साथ गठबंधन किया है. राहुल गांधी पहले प्रचार करने पहुंचते, बीजेपी और टीएमसी के खिलाफ बोलते तो सहयोगी पार्टियों को दिक्कत हो सकती थी. कहने का मतलब है कि सपा, राजद, जेएमएम, शिवसेना समेत कई विपक्षी पार्टियों ने ममता बनर्जी का साथ दिया है. सपा सांसद जया बच्चन, राजद नेता तेजस्वी यादव ने भी ममता बनर्जी के समर्थन में चुनाव प्रचार किया है. कुछ दिनों पहले ममता बनर्जी ने विपक्षी दलों के नेताओं को चिट्ठी लिखकर एकजुट होने की अपील की थी. अब कांग्रेस की पकड़ वाली सीटों पर वोटिंग है. लिहाजा, राहुल गांधी बंगाल के सियासी संग्राम में कूदे हैं.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें