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Coronavirus : ममता सरकार और केंद्रीय टीम के बीच बंगाल में मौत के आंकड़ों को लेकर ठनी

पश्चिम बंगाल में कोरोना संक्रमण की वजह से बने हालात और आवश्यक वस्तुओं की उपलब्धता का आकलन करने पहुंची केंद्रीय अंतर मंत्रालयी टीम (आइएमसिटी) सोमवार को दिल्ली रवाना हो गयी है. हालांकि उसके पहले टीम लीडर अपूर्व चंद्र ने बंगाल सरकार को चिट्ठी लिखकर नसीहत दे दी है कि कोरोना संक्रमण के आंकड़ों में हेरफेर करने के बजाय पारदर्शिता बरतें और नियमित तौर पर हेल्थ बुलेटिन जारी करें.

कोलकाता : पश्चिम बंगाल में कोरोना संक्रमण की वजह से बने हालात और आवश्यक वस्तुओं की उपलब्धता का आकलन करने पहुंची केंद्रीय अंतर मंत्रालयी टीम (आइएमसिटी) सोमवार को दिल्ली रवाना हो गयी है. हालांकि उसके पहले टीम लीडर अपूर्व चंद्र ने बंगाल सरकार को चिट्ठी लिखकर नसीहत दे दी है कि कोरोना संक्रमण के आंकड़ों में हेरफेर करने के बजाय पारदर्शिता बरतें और नियमित तौर पर हेल्थ बुलेटिन जारी करें.

अपूर्व चंद्रा ने अपनी चिट्ठी में इस बात का खुलासा किया है कि उन्होंने राज्य के मुख्य सचिव राजीव सिन्हा को सात और राज्य के गृह, स्वास्थ्य, शहरी विकास और नगर पालिका विभाग के सचिवों को 4 चिट्ठियां लिखीं, लेकिन किसी का भी जवाब नहीं दिया गया. यहां तक कि केंद्रीय टीम को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये जो प्रेजेंटेशन दिखाये गये, उससे संबंधित दस्तावेज भी उपलब्ध नहीं कराये गये हैं.

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केंद्रीय गृह मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव आइएएस अपूर्व चंद्रा ने अपनी चिट्ठी में इस बात का भी खुलासा किया है कि 12.8 फ़ीसदी मौत दर के साथ पश्चिम बंगाल देश में सबसे तेज गति से कोरोना से लोगों की मौत वाला राज्य है.

राज्य में कोरोना मृतकों की संख्या 50 नहीं 105– अपनी चिट्ठी में चंद्र ने दावा किया है कि 30 अप्रैल तक पश्चिम बंगाल में कोरोना से मरने वालों की कुल संख्या 105 है, जबकि पॉजिटिव मामलों की कुल संख्या 816 है. यहां मृत्यु दर पूरे देश में सबसे ज्यादा है. इसकी वजह के तौर पर अपूर्व ने बताया है कि पश्चिम बंगाल सरकार कम से कम सैंपल जांच रही हैं. गौरतलब है कि बंगाल सरकार ने हेल्थ बुलेटिन में इस बात का जिक्र किया है कि 3 मई की शाम तक केवल 50 लोगों की मौत हुई है.

पत्र में इस बात का भी जिक्र है कि पश्चिम बंगाल सरकार ने आंकड़ों में जबरदस्त हेरफेर किया है और पारदर्शिता की कमी रखी है. 30 अप्रैल को राज्य सरकार के हेल्थ बुलेटिन में राज्य में कोरोना पॉजिटिव लोगों की संख्या मात्र 572 बतायी थी, जबकि उसी दिन केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव को लिखी चिट्ठी में 931 पॉजिटिव मामलो बताया था. इतनी भारी विषमता गैर जिम्मेदाराना है और सरकार को इसके सुधार पर ध्यान देना चाहिए.

उन्होंने सुझाव दिया है कि राज्य सरकार अधिक से अधिक सैंपल जांचें और नियमित तौर पर हेल्थ बुलेटिन जारी कर उसमें टोटल पॉजिटिव केस और मरने वालों की कुल संख्या का भी जिक्र करें. गौर हो कि पश्चिम बंगाल सरकार पिछले 2 दिनों से जो बुलेटिन जारी कर रही है उसमें ना तो मरने वालों की कुल संख्या रहती है और ना ही पीड़ितों की संख्या का जिक्र रहता है.

(इनपुट : अजय कुमार)

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