कोलकाताः बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 में संयुक्त मोर्चा की अगुवाई करने वाली वाम मोर्चा और उसके सहयोगी दलों का खाता भी नहीं खुला. यहां तक कि मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) भी शून्य पर आ गयी. चुनाव में पार्टी के प्रदर्शन पर मंथन शुरू हो गया है. पार्टी के एक वर्ग का मानना है कि पीरजादा अब्बास सिद्दीकी की पार्टी इंडियन सेक्युलर फ्रंट (आइएसएफ) की वजह से पार्टी का प्रदर्शन बेहद खराब रहा.
संयुक्त मोर्चा की ओर से सिर्फ आइएसएफ का ही खाता खुल पाया. माकपा के फ्लॉप प्रदर्शन की वजह तलाशने के लिए अलीमुद्दीन स्ट्रीट में शनिवार से दो दिवसीय बैठक शुरू हुई. बैठक में माकपा के राज्य सचिव सूर्यकांत मिश्रा के अलावा विमान बसु व अन्य नेता मौजूद थे. वर्चुअल बैठक में पार्टी के एक वर्ग ने माना कि आइएसएफ को गठबंधन में शामिलल करने की वजह से वाम मोर्चा की यह दुर्गति हुई.
शनिवार को विभिन्न जिला कमेटी के नेताओं ने हार की मुख्य वजह वाम मोर्चा और कांग्रेस गठबंधन के आइएसएफ के साथ जाने को बताया है. इन नेताओं का दावा है कि सांप्रदायिकता के खिलाफ लड़ते हुए वाम मोर्चा ने एक छवि बनायी है. रातोरात आइएसएफ के बनते ही आंदोलनों से अपनी छवि बनाने वाली कांग्रेस व वाम मोर्चा ने जिस तरह से उससे गठबंधन किया, जनता में इसका सही संदेश नहीं गया.
इसका खामियाजा माकपा को भुगतना पड़ा. इतना ही नहीं, बैठक में शामिल नेताओं ने पार्टी को फिर से जनता के बीच जाने व जन आंदोलन के जरिये अपना खोया जनाधार तलाशने की जरूरत पर बल दिया. बैठक में कई नेताओं ने चुनाव के पहले और बाद में पार्टी के कार्यकर्ता और समर्थकों को सुरक्षा नहीं दे पाने पर भी चिंता जतायी है. बैठक में महंगाई और कोरोना से निबटने में केंद्र व राज्य सरकार की विफलताओं पर भी चर्चा हुई.
Posted By: Mithilesh Jha