आगामी वर्ष होनेवाले लोकसभा चुनाव के पहले पश्चिम बंगाल की तृणमूल कांग्रेस सरकार यहां की जनता तक सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाने के लिए एक बार फिर दुआरे सरकार योजना के तहत शिविर लगाने जा रही है. राज्य सचिवालय के सूत्रों के अनुसार, अगस्त माह के मध्य के बाद से पूरे सितंबर महीने तक यह शिविर लगाया जायेगा. जानकारी के अनुसार, इस बार के शिविर में राज्य सरकार द्वारा और तीन योजनाओं के लिए पंजीकरण कराने का मौका राज्य को लोगों को मिलेगा. इन तीन नयी योजनाओं में दो योजनाएं श्रम विभाग और एक योजना कृषि विभाग द्वारा क्रियान्वित की जायेगी.
बताया गया है कि दुआरे सरकार शिविर में प्रवासी श्रमिकों के पंजीकरण की व्यवस्था होगी. इसके अलावा राज्य सरकार डिलीवरी ब्वॉय के लिए भी अलग बोर्ड का गठन करने जा रही है और इस शिविर के माध्यम से डिलीवरी ब्वॉय को सामाजिक सुरक्षा की योजनाओं का लाभ पहुंचाने के लिए उन्हें भी पंजीकरण कराने का मौका दिया जायेगा. इसके अलावा राज्य के कृषि विभाग द्वारा कृषि क्षेत्र में उद्यमियों को प्रोत्साहित करने के लिए शिल्प समाधान योजना की शुरुआत की जा रही है और माना जा रहा है कि इस बार के दुआरे सरकार में शिल्प समाधान योजना के लिए भी पंजीकरण कराया जायेगा.
Also Read: मंत्री अनुराग ठाकुर का ममता पर कटाक्ष, ‘आपका समय धीरे-धीरे हो रहा है खत्म ‘
गौरतलब है कि राज्य सरकार ने प्रवासी श्रमिकों के नाम दर्ज करने के लिए एक अलग पोर्टल लॉन्च किया है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने खुद प्रवासी श्रमिकों से पोर्टल पर अपना पंजीकरण कराने की अपील की है. राज्य सरकार ने बाहरी राज्यों में मरने वाले प्रवासी श्रमिकों के परिवारों को दो लाख रुपये तक की नकद सहायता प्रदान करने का निर्णय लिया है.
Also Read: शिक्षक भर्ती घोटाला : कब और कैसे शुरु हुआ मामला, अब तक हुई है कितनी गिरफ्तारियां
सूत्रों के मुताबिक, राज्य का श्रम विभाग प्रवासी श्रमिकों की मदद के लिए केरल, नयी दिल्ली और महाराष्ट्र में कार्यालय खोलने जा रहा है, ताकि प्रवासी श्रमिक भी खतरे या परेशानी में होने पर यहां संपर्क कर सकें. इस कार्यालय से फिर उन्हें मदद मिलेगी. उल्लेखनीय है कि राज्य के प्रवासी श्रमिकों की संख्या 22 लाख से भी अधिक है. वहीं, राज्य सरकार डिलीवरी ब्वॉय के लिए नया बोर्ड का गठन करने जा रही है और इसके माध्यम से राज्य के चार लाख से अधिक लोगों को सामाजिक सुरक्षा की योजनाओं से जोड़ा जायेगा.
Also Read: मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पुलिस का नया डिविजन बनाने का दिया निर्देश, कोलकाता पुलिस के दायरे में आयेगा भागंड़
राज्य सरकार की ‘दुआरे सरकार’ योजना काफी सफल रही है. राज्य के सूचना और संस्कृति विभाग की ओर से जारी बयान में बताया गया है, पश्चिम बंगाल सरकार की एक प्रमुख पहल, ‘दुआरे सरकार’ विभिन्न सरकारी सेवाओं को लोगों के दरवाजे पर प्रदान करने के लिए एक अनूठा मॉडल है. राज्य के हर कोने में लगाये गये शिविरों के माध्यम से नागरिकों तक सरकारी सेवाओं की सुविधाएं पहुंचायी जाती है. बताया गया है कि एक दिसंबर 2020 को इसकी शुरुआत के बाद से, ‘दुआरे सरकार’ को पांच चरणों में आयोजित किया गया है और 3.61 लाख कैंपों के माध्यम से 6.6 करोड़ से अधिक सेवाएं सफलतापूर्वक नागरिकों तक पहुंचायी गयी है.
Also Read: ममता बनर्जी ने कहा, राज्यभर में डेंगू के मामले बढ़े, सरकार ने नियंत्रण के लिये सभी अस्पतालों को किया अर्लट
राज्य सरकार ने इस बार के कैंप में एक और नयी पहल शुरू की है, जिसके तहत लोग सरकारी योजनाओं व भ्रष्टाचार को लेकर शिकायत भी दर्ज करा पायेंगे. बताया गया है कि शिकायत दर्ज कराने वालों को काउंटर से एक रसीद भी दी जायेगी और प्रत्येक आरोप की जांच कर शिकायतकर्ता को इसके बारे में पूरी जानकारी देनी होगी. राज्य सरकार के ग्रीवांस रिड्रेसल सिस्टम के अधिकारी प्रत्येक आरोपों की जांच करेंगे और इन शिकायतों को प्राथमिकता देते हुए जांच कर रिपोर्ट पेश करनी होगी.
Also Read: ममता बनर्जी के समक्ष सरेंडर करने वाले पूर्व माओवादी का हुलिया जारी करने का जमशेदपुर कोर्ट ने दिया आदेश
बताया गया है कि राज्य सरकार के 17 विभागों को शामिल करते हुए लगभग 27 योजनाओं में पंजीकरण के लिए अन्य सेवाएं दी जायेंगी. इन योजनाओं में लक्ष्मी भंडार, रूपश्री, खाद्य साथी, कन्याश्री, स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड, स्वास्थ्य साथी, जाति प्रमाण पत्र, किसान क्रेडिट कार्ड (कृषि), किसान क्रेडिट कार्ड (पशुपालन), कारीगर व वीवर्स क्रेडिट कार्ड, एसएचजी क्रेडिट कार्ड, एग्री इंफ्रास्ट्रक्चर फंड के लिए आवेदन, दिव्यांग प्रमाण पत्र, सामाजिक सुरक्षा योजना, मानविक, कृषि भूमि में उत्परिवर्तन और भूमि अभिलेखों में छोटी त्रुटियों का सुधार, नया बैंक खाता खोलना, आधार कार्ड, जमीन का म्यूटेशन, मछुआरों का पंजीकरण, मछुआरों के लिए क्रेडिट कार्ड शामिल हैं.
Also Read: सुप्रीम कोर्ट ने इडी को अभिषेक, उनकी पत्नी के खिलाफ ‘लुक आउट’ नोटिस वापस लेने का दिया निर्देश
पश्चिम बंगाल सरकार ने आधारभूत सुविधाओं से संबंधी शिकायतों व समस्याओं के समाधान के लिए पाड़ाय समाधान शिविर लगाती है, अगर किसी क्षेत्र में पानी, बिजली, सड़क की समस्या है तो इसका निबटारा पाड़ाय समाधान के माध्यम से किया जायेगा, आस-पड़ोस तक पहुंचने के विशिष्ट अभियान वाला यह कार्यक्रम बड़े बुनियादी ढांचा संबंधी समस्याओं का नहीं बल्कि निगम, स्थानीय या सेवा संबंधी दिक्कतों का समाधान करता है.
Also Read: शिक्षक भर्ती मामले में इडी के दस्तावेज में अभिषेक के नाम का मिला उल्लेख, दिल्ली भेजी गई रिपोर्ट
• आधार कार्ड
• राशन पत्रिका
• निवास प्रमाण पत्र
• बैंक खाता विवरण
• जाति प्रमाण पत्र
• आयु प्रमाण
• मोबाइल नंबर
• पासपोर्ट के आकार की तस्वीर
Also Read: कोयला तस्करी मामले में मलय घटक ने इडी के समन को फिर टाला, 13 बार भेजी जा चुकी है नोटिस
• स्वास्थ्य साथी 1.26 करोड़
• लक्ष्मी भंडार 1.38 करोड़
• जाति प्रमाण पत्र – 37 लाख
• कृषक बंधु 26 लाख –
• मनरेगा जॉब कार्ड – 16 लाख
• मानविक 62.01 हजार
• पेंशन 1.20 लाख
Also Read: मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पुलिस का नया डिविजन बनाने का दिया निर्देश, कोलकाता पुलिस के दायरे में आयेगा भागंड़
हाल ही में राज्य विधानसभा के प्रश्नोत्तर काल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के विधायक डॉ हुमायूं कबीर ने लक्ष्मी भंडार योजना को लेकर अपनी ही पार्टी पर सवाल उठाया. उनके सवाल से सदन में मौजूद तृणमूल के मंत्री, विधायक सहित विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी भी भौचक्के रह गये. पश्चिम मेदिनीपुर जिले के डेबरा से विधायक हुमायूं कबीर यह जानना चाह रहे थे कि क्या अनुसूचित जाति और जनजाति की महिलाओं की तरह अल्पसंख्यक समुदाय की महिलाओं को भी लक्ष्मी भंडार निधि के तहत 1,000 रुपये दिये जा सकते हैं. जवाब में संबंधित विभाग के मंत्री शशि पांजा ने कहा धार्मिक तौर लक्ष्मी भंडार योजना को नहीं चलाया जाता है. यह मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की महत्वाकांक्षी योजना है. उन्होंने यह भी कहा कि वर्तमान में लक्ष्मी भंडार के लाभार्थियों की संख्या एक करोड़ 98 लाख 37 हजार 33 है. ऐसें में मुस्लिम महिलाओं को 1000 रुपये देने में क्या परेशानी है.
Also Read: अभिषेक के खिलाफ सोमवार तक कोई कार्रवाई नहीं, इडी ने अदालत में दिया आश्वासन
गौरतलब है कि, वर्ष 2021 के बजट घोषणा में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अनुसूचित जाति और जनजाति के लिए लक्ष्मी भंडार योजना की घोषणा की थी. 40 हजार से ज्यादा अनुसूचित लोगों को एक हजार रुपये पेंशन दी जाती है. ममता ने घोषणा की थी कि अनुसूचित परिवारों की महिलाओं को लक्ष्मी भंडार योजना में प्रति माह 1,000 रुपये मिलेंगे.
Also Read: कोयला तस्करी मामले में मलय घटक ने इडी के समन को फिर टाला, 13 बार भेजी जा चुकी है नोटिस
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ही बताया था कि बंगाल ने अपनी लोकप्रिय लक्ष्मी भंडार योजना के लिए महिला एवं बाल विकास श्रेणी में प्रतिष्ठित स्काच पुरस्कार प्राप्त किया है. ममता ने इस पर खुशी जताते हुए कहा था कि यह सम्मान उनकी सरकार और राज्य की लगभग दो करोड़ महिलाओं के लिए है जिन्हें इस योजना द्वारा सशक्त बनाया गया है. ममता ने कहा, महिला सशक्तीकरण सरकार की प्राथमिकता सूची में है. हालांकि एक बार फिर दुआरे सरकार की योजना का शुभांरभ किया जा रहा है.अब देखना है कि इस बार राज्य सरकार की योजनाओं से कितने लोग जुड़ पाते है. बंगाल के कितने घरों तक दुआरे सरकार अपनी पहुंच बनाने में कामयाब हो पाता है.
Also Read: ‘कालीघाटेर काकू’ का वॉयस सैंपल की जांच करेगी इडी, सुजयकृष्ण की याचिका हाई कोर्ट ने की खारिज