कोलकाता, विकास कुमार गुप्ता : सुजयकृष्ण भद्र उर्फ कालीघाटेर काकू के खिलाफ केंद्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (इ़डी) की टीम जल्द चार्जशीट पेश करने जा रही है. इसके बाद काकू की मुश्किलें और बढ़ सकती है. इडी सूत्रों की माने तो आगामी दो से तीन दिन के भीतर अदालत में इडी सुजयकृष्ण भद्र उर्फ कालीघाटेर काकू के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल करने जा रही है. जांचकर्ताओं को अबतक काकू से पूछताछ में 11 करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार होने की जानकारी मिली है. इडी इन सभी जानकारी का जिक्र चार्जशीट में करेगी. इडी को काकू से पूछताछ में यह भी जानकारी मिली है कि भर्ती घोटाले का पैसा कई कंपनियों और कंस्ट्रक्शन फर्मों में निवेश किया गया था. चार्टर्ड अकाउंटेंट के जरिए अपनी ही कंपनी के शेयर की कीमत अवैध तरीके से बढ़ाने का आरोप भी काकू की देखरेख वाली कंपनियों पर लगा है.
इडी अधिकारी अदालत में पेश करनेवाले चार्जशीट में काकू का हवाला कारोबार से जुड़े होने की भी जानकारी देंगे. तीन-चार कंपनियों के जरिए भ्रष्टाचार से मिले रुपये को काले धन से सफेद करने की कोशिश की. कई निर्माण कंपनियों के शेयर मूल्य में अवैध रूप से वृद्धि की और दूसरी कंपनी के शेयर खरीदे. इडी के जांचकर्ताओं ने अदालत में पेश करनेवाले आरोपपत्र में यह भी बताने की कोशिश की है कि वह कैसे कुंतल घोष और शांतनु बंदोपाध्याय के साथ मिलकर शिक्षक भर्ती घोटाले को अंजाम दिया. इसी सप्ताह कालीघाटेर काकू के खिलाफ अदालत में यह चार्जशीट सौंपी जायेगी.
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गौरतलब है कि जुलाई में इडी अधिकारियों ने काकू के कारोबार के बारे में और अधिक जानकारी हासिल करने के लिए शहर में तीन जगहों पर छापेमारी की थी. इडी ने एजेसी बोस रोड, प्रिंस अनवर शाह रोड और कैमक स्ट्रीट स्थित कंस्ट्रक्शन कंपनी के तीन अलग कार्यालयों पर छापेमारी की. इडी अधिकारियों को शुरू में ही इसकी जानकारी मिली थी कि इन सभी कंपनियों में काकू का अवैध पैसा लगा हुआ है. जांचकर्ताओं ने जांच में अब तक कालीघाट से काकू के 100 बैंक खातों का पता लगाया है. इन बैंक खातों में होनेवाले लेनदेन एवं इनके मालिकों से पूछताछ करने की तैयारी की जा रही है.
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गौरतलब है कि शिक्षक भर्ती घोटाले में कालीघाटेर काकू के खिलाफ केंद्रीय जांच एजेंसी को पहले ही कई जानकारी मिल चुकी है. सूत्रों के मुताबिक, जांच अधिकारी काले धन को सफेद करने के लिए हवाला से संबंध के मुद्दे पर भी गौर कर रहे हैं. कथित तौर पर लगभग 100 बैंक खाते इडी की जांच के दायरे में हैं. केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों को संदेह है कि उन खातों के जरिये मोटी रकम की अवैध तरीके से हेराफेरी की गयी है