Bengal Chunav 2021 : बंगाल में भाजपा की बढ़ती ताकत से पहले से ही परेशान सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी के लिए हेमंत सोरेन (Hemant Soren) की पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) नयी मुसीबत बन सकता है. झामुमो ने रैली कर अपने इरादे साफ कर दिये हैं कि वह विधानसभा चुनाव में झारखंड से सटी आदिवासी बहुल सीटों पर पूरे दमखम से ताल ठोकने जा रहा है.
उन्होंने कहा कि झामुमो और तृणमूल कांग्रेस (tmc) की विचारधारा एक है. हमारा मकसद सांप्रदायिक भाजपा को रोकना है. मतलब उन्होंने अभी रास्ते खुले रखे हैं. अगर चुनाव पूर्व कोई गठबंधन आकार लेता है और झामुमो को उसमें उचित हिस्सेदारी मिलती है, तो उन्हें ममता के साथ मिल कर चुनाव लड़ने में कोई गुरेज नहीं है.
बता दें कि इससे पहले लालू यादव की पार्टी राजद ने 6 सीटों पर चुनाव लड़ने का दावा किया था. हालांकि अभई तक टीएमसी ने इस दावे पर कोई जवाब नहीं दिया है. राजद कोलकाता की बड़ा बाजार, खड़गपुर और रानीगंज सहित 6 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है.
40 सीटों पर पड़ सकता है असर- बता दें कि पश्चिम बंगाल में करीब 40 सीटों पर आदिवासी वोटरों का असर है. माना जा रहा है कि अगर हेमंत सोरेन की पार्टी जेएमएम चुनाव लड़ती है, तो टीएमसी को इसका नुकसान हो सकता है. हालांकि जेएमएम ने ये स्पष्ट नहीं किया है कि वे कितने सीटों पर चुनाव लड़ेंगी.
Posted by : Avinish kumar mishra