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जेल में लकड़ी के चूर्ण से बनायी रवींद्रनाथ टैगोर की मूर्ति, विश्वभारती को सौंपेगा कैदी

मेदिनीपुर सेंट्रल जेल (Medinipur Central Jail) में हत्या के जुर्म में उम्रकैद की सजा काट रहे एक कैदी सुजीत दोलाई ने जेल में रह कर कविगुरु रवींद्रनाथ टैगोर की मूर्ति बनायी है. अब वही मूर्ति विश्वभारती को सौंपने जा रहा है.

खड़गपुर (पश्चिम बंगाल) : मेदिनीपुर सेंट्रल जेल (Medinipur Central Jail) में हत्या के जुर्म में उम्रकैद की सजा काट रहे एक कैदी सुजीत दोलाई ने जेल में रह कर कविगुरु रवींद्रनाथ टैगोर की मूर्ति बनायी है. अब वही मूर्ति विश्वभारती को सौंपने जा रहा है. पढ़ें, जितेश बोरकर की रिपोर्ट.

वीरभूम जिला के भूवनडांगा गांव निवासी सुजीत दोलाई को वर्ष 2002 में हत्या के आरोप में उम्रकैद की सजा हुई थी. वर्ष 2018 में उसे मेदिनीपुर सेंट्रल जेल में लाया गया. मेदिनीपुर सेंट्रल जेल से सुजीत दोलाई को 3 महीने के लिए पैरोल पर छोड़ा गया है. मेदिनीपुर से वीरभूम जाने के लिए जेल की ओर से एक गाड़ी की भी व्यवस्था कर दी गयी है.

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पैरोल पर छूटा कैदी सुजीत दोलाई ने बताया कि उसने लकड़ी के चूर्ण से कविगुरु रवींद्रनाथ टैगोर की मूर्ति बनायी है. इस मूर्ति को विश्वभारती को सौंपने के बाद ही उसका सपना साकार होगा. कविगुरु रवींद्रनाथ टैगोर उनका आदर्श है. वह विश्वभारती में रह कर कविगुरु के पथचिह्न पर चलना चाहता था, लेकिन हालात और तकदीर ने हत्या के जुर्म में जेल पहुंचा दिया.

गौरतलब है कि सुजीत दोलाई ने एक समय विश्वभारती में नौकरी करने के लिए आवेदन भी किया था. उसे विश्वभारती में नौकरी करने के लिए ज्वानिंग लेटर भी मिला था, लेकिन हत्या के आरोप में जेल हो जाने कारण वह नौकरी करने से वंचित रह गया था.

Posted By : Samir ranjan.

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