कोलकाता ,शिव कुमार राउत : राज्य विधानसभा में मुख्यमंत्री कार्यालय के सामने ही तकनीकी शिक्षा और सूचना व प्रसारण राज्य मंत्री इंद्रनील सेन और पर्यटन व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री बाबुल सुप्रियो के बीच तू-तू मैं-मैं हो गयी. हालांकि पूरी तरह समझ में नहीं आने पर बाबुल को ऊंची आवाज में यह कहते हुए सुना गया कि आप मेरे आफिस का काम क्यों रोक रहे हैं? आप इस तरह सरकारी काम नहीं रोक सकते. अगर आप फाइल भेजना बंद कर देंगे, तो यह कैसे काम करेगा. उसके बाद इंद्रनील को भी उनके आसपास के लोगों ने यह कहते हुए सुना कि जाओ और दीदी (ममता) को बताओ कि तुम्हें क्या कहना है. बाबुल ने जवाब दिया कि अगर मुझे लगता है कि यह जरूरी है, तो मैं इसे दोबारा कहूंगा.
लेकिन आप मेरे आफिस का काम इस तरह नहीं रोक सकते. इंद्रनील ने बाबुल से कहा कि आप यहां इस तरह से बात नहीं कर सकते. मैं आपके ऑफिस का काम क्यों रोकूंगा. विवाद खुलकर आगे नहीं बढ़ा. लेकिन बाबुल ने कहा कि वह फिर से दीदी (मुख्यमंत्री) से शिकायत कर सकते हैं. दरअसल, तृणमूल के शीर्ष सूत्रों के मुताबिक बाबुल पहले ही इस मुद्दे पर पार्टी के उच्चतम स्तर पर चर्चा कर चुके हैं. सूत्रों के मुताबिक पर्यटन मंत्री बाबुल के पास विभागीय फाइल नहीं आ रही थी. फाइल पर्यटन विभाग के उप सचिव स्तर पर घूम रही थी. एक सूत्र के मुताबिक इंद्रनील ने पहले ही मुख्यमंत्री को इस मामले की जानकारी दे दी थी, इसलिए उन्होंने बाबुल से साफ कह दिया कि दीदी से कहो. इंद्रनील और बाबुल, दोनों मनोरंजन की दुनिया से राजनीति में आये हैं. हालांकि इंद्रनील, बाबुल से ज्यादा सीनियर हैं. हालांकि पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री बाबुल ममता कैबिनेट में इंद्रनील से सीनियर हैं, क्योंकि वह पूर्ण मंत्री हैं.
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मालदा जिला में रहने वाले लोगों को हार्ट की बेहतर चिकित्सा के लिए कोलकाता या उत्तर बंगाल जाना पड़ता है. ऐसे में अब हृदय जनित बीमारियों की चिकित्सा के लिए पहली बार मालदा मेडिकल कॉलेज में कार्डियक कैथ लैब खुलने जा रहा है. पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) योजना के तहत कार्डियक कैथ खुलेगा. यह जानकारी स्वास्थ्य राज्य मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने विधानसभा में दी. विधानसभा के प्रश्नोत्तर काल में मंत्री ने बताया कि, राज्य में वर्ष 2011 तक मात्र 11 मेडिकल कॉलेज थे.
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पर अब 34 मेडिकल कॉलेज खुल चुके हैं. इनमें से 24 राज्य सरकार के हैं. इसी तरह वर्ष 2011 तक राज्य के सरकारी अस्पतालों में कुल 4100 डॉक्टर थे. अब चिकित्सकों की संख्या बढ़ कर 18 हजार 55 हो चुकी है. इसी तरह नर्सों की संख्या 26366 से बढ़ कर 66938 हो चुकी है. अब राज्य के सरकारी अस्पतालों में कुल 8330 पैरामेडिक्स स्टॉफ हैं.पहले इनकी संख्या 3488 थी. इसके साथ ही तृणमूल सरकार के शासन काल में अब तक 14 चाइल्ड व मदर केयर हब खोले गये हैं. वहीं अब राज्य में एमबीबीएस सीटों की संख्या 1355 से बढ़ कर पांच हजार हो चुकी है.
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श्रम संबंधी अपराधों के लिए अब जेल की हवा नहीं खानी पड़ेगी. ऐसे मामलों में अब भारी जुर्मान लगाया जायेगा. संस्थान के मालिकों पर यह नियम लागू होगा. इस संबंध में पश्चिम बंगाल श्रम कल्याण निधि संशोधन विधेयक (संशोधन), 2023 विधानसभा में पारित किया गया. राज्य को अधिक उद्योग-अनुकूल बनाने के लिए संशोधन पारित किया गया है. अब तक, श्रम कल्याण अधिनियम के फंड से हेराफेरी के मामले में कंपनी के अधिकारियों या मालिकों को जेल जाना पड़ता था.
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विधानसभा में वन महोत्सव मनाया गया, जिसका उद्घाटन सीएम ममता बनर्जी ने किया. मौके पर विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी, मेयर व मंत्री फिरहाद हकीम, वन मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक समेत तृणमूल के अन्य विधायक व मंत्री उपस्थित थे. मौके पर बांग्लादेश, जापान व ब्रिटिश हाइ कमीशन के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे. इस मौके पर सीएम ने कहा कि विभिन्न प्राकृतिक आपदा की वजह से राज्य में नदी तटबंध का टूटना जारी है. उन्होंने उक्त देशों के हाइ कमीशन से इस समस्या के समाधान में सरकार की मदद किये जाने की गुजारिश की. सीएम ने बताया कि सुंदरवन में चक्रवात यस के बाद अब तक 15 करोड़ मैंग्रोव के पौधे लगाये गये हैं.
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