पश्चिम बंगाल में राज्य सरकार ने विवाह रजिस्ट्री को लेकर नये नियम लागू किये हैं. अब से शादी की रजिस्ट्री के लिए आवेदन करने से लेकर रजिस्ट्री के समय भी बायोमेट्रिक फिंगरप्रिंट देना अनिवार्य होगा. आवेदन के समय दंपति में से किसी एक का बायोमेट्रिक फिंगरप्रिंट जरूरी होगा. वहीं विवाह की मूल रजिस्ट्री के समय दंपति के अलावा तीन गवाहों का बायोमेट्रिक मशीन या अंगूठे का निशान अनिवार्य कर दिया गया है.सूत्रों के अनुसार, पिछले कुछ सालों में ऐसे सैकड़ों मामले सामने आए हैं, जहां दूल्हा-दुल्हन के फर्जी हस्ताक्षर के आधार पर शादी की रजिस्ट्री कराई या की गई है. यहां तक कि संबंधित पोर्टल पर फर्जी फोटो खींचकर विवाह प्रमाण पत्र भी जारी कर दिए गए हैं.
इसके बाद यह फैसला हुआ, ज्ञात हो कि पहले विवाह रजिस्ट्री की वैधता साबित करने के लिए पूरी तरह से पंजीकरण के समय दिए गए प्रमाणपत्र, फोटोग्राफ और अन्य – जानकारी पर निर्भर रहना पड़ता था. यदि विवाह रजिस्ट्री में समस्याएं उत्पन्न होती हैं या बाद में चुनौती दी जाती है, तो कई मामलों में फोटो की फोरेंसिक रिपोर्ट की भी आवश्यकता होगी. अब, यदि बायोमेट्रिक फिंगरप्रिंट राज्य डेटाबेस में है, तो ये सभी जोखिम अब आवश्यक नहीं होंगे. विधि विभाग के रजिस्ट्रार जनरल मैरिज ऑफिस के निर्देश पर यह नया नियम 1 नवंबर से लागू हो गया है.
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राज्य भर में 1000 विवाह रजिस्ट्रारों के पास ये बायोमेट्रिक मशीनें हैं. जिसका उपयोग कर विवाह अधिकारी आवेदन के समय जोड़े में से किसी एक का फिंगर प्रिंट ले रहे हैं. जिसकी पहले जरूरत नहीं थी. परिणामस्वरूप, विवाह आवेदन के लिए दोनों में से एक को उपस्थित होना पड़ता है. जिससे संबंधित विभाग के अधिकारियों द्वारा गड़बड़ी की संभावना काफी कम हो जायेगी. विशेष विवाह अधिनियम के तहत विवाह के पंजीकरण के लिए सभी जानकारी और दस्तावेजों के साथ 30 दिन पहले आवेदन करने का नियम है.
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वहीं हिंदू विवाह अधिनियम के तहत रजिस्ट्री के मामले में आवेदन की तारीख से सात दिन लगते हैं. दोनों ही मामलों में बायोमेट्रिक इंप्रेशन लेने के नियम समान रखे गए हैं. उल्लेखनीय है, हाल ही में भूमि पंजीकरण के दौरान एकत्र किए गए बायोमेट्रिक डेटा की चोरी के आरोप लगे थे.नतीजतन, संबंधित विभाग विवाह पंजीकरण के लिए एकत्र की गई जानकारी को लेकर अब काफी सतर्क हैं. यह निर्णय लिया गया है कि अब विवाह प्रमाण पत्र या मैरिज सर्टिफिकेट में उंगलियों के निशान नहीं दिए जाएंगे. पुनः प्रदेश के डाटा वेयरहाउस में अत्याधुनिक तकनीक का प्रयोग करते हुए इसकी सुरक्षा भी सुनिश्चित की गई है. इसके साथ निर्दिष्ट विवाह अधिकारी के अलावा कोई अन्य व्यक्ति इस बायोमेट्रिक मशीन का उपयोग न कर सके, इस पहलू पर भी गंभीरता से ध्यान दिया है.