कोलकाता: तय हो गया है. न ममता बनर्जी (Mamata Banerjee), न मुकुल रॉय (Mukul Roy). राज्यसभा (Rajya Sabha) जायेंगे जवाहर सरकार (jawhar Sircar). तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने इसकी घोषणा कर दी है. पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस के ऑफिशियल ट्विटर अकाउंट पर इसकी घोषणा की. ट्विटर पर कहा गया कि प्रसार भारती के पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) जवाहर सरकार (Former CEO of Prasar Bharati Jawhar Sircar) को संसद के उच्च सदन (Upper House of Parliament) के लिए नामांकित करते हुए हमें खुशी हो रही है.
इस ट्वीट में आगे लिखा गया है कि जवाहर सरकार ने 42 साल तक सरकारी सेवा की है. वह प्रसार भारती के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) रह चुके हैं. सार्वजनिक सेवा में उनके अनुभव का लाभ पार्टी को मिलेगा और हम देश की बेहतर तरीके से सेवा कर पायेंगे. इससे पहले कयास लगाया जा रहा था कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) से तृणमूल में लौटे मुकुल रॉय (BJP Turncoat Mukul Roy) या बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (West Bengal Chief Minister Mamata Banerjee) को राज्यसभा भेजा जा सकता है.
हालांकि, मुकुल रॉय अभी बंगाल विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी के सदस्य हैं और बंगाल विधानसभा के स्पीकर विमान बनर्जी ने उन्हें लोक लेखा समिति (पीएसी) का चेयरमैन नियुक्त किया है. ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस (All India Trinamool Congress) ने इसका समर्थन किया है, जबकि भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी मुकुल रॉय को पीएसी का चेयरमैन नियुक्त किये जाने के स्पीकर के फैसले का लगातार विरोध कर रहे हैं. उन्होंने इस मामले में कोर्ट जाने की धमकी दी है.
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बहरहाल, शुक्रवार को तृणमूल कांग्रेस के लोकसभा और राज्यसभा के सांसदों ने सर्वसम्मति से ममता बनर्जी को संसदीय दल का नेता चुन लिया था. इसके बाद इस बात की उम्मीद जतायी जा रही थी कि ममता बनर्जी केंद्र की राजनीति में सक्रिय होंगी और इसलिए 9 अगस्त को रिक्त पड़ी बंगाल की एकमात्र राज्यसभा सीट से तृणमूल सुप्रीमो उच्च सदन का सदस्य बन सकती हैं. लेकिन, शनिवार को तमाम कयासों पर विराम लग गया.
We are delighted to nominate Mr. @jawharsircar in the Upper House of the Parliament.
Mr. Sircar spent nearly 42 years in public service & was also the former CEO of Prasar Bharati. His invaluable contribution to public service shall help us serve our country even better!
— All India Trinamool Congress (@AITCofficial) July 24, 2021
उल्लेखनीय है कि बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 से ऐन पहले तृणमूल कांग्रेस के बड़े नेता और डॉ मनमोहन सिंह की अगुवाई वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार में रेल मंत्री रहे दिनेश त्रिवेदी ने राज्यसभा की सदस्यता और तृणमूल कांग्रेस दोनों से इस्तीफा दे दिया था. दिनेश त्रिवेदी के इस्तीफे से रिक्त हुई सीट पर 9 अगस्त को उपचुनाव कराने की घोषणा निर्वाचन आयोग कर चुका है. दिनेश त्रिवेदी की जगह जवाहर सरकार उच्च सदन में तृणमूल के प्रतिनिधि होंगे.
बंगाल की इस एकमात्र राज्यसभा सीट से पूर्व नौकरशाह जवाहर सरकार की जीत तय है. तृणमूल कांग्रेस के पास विधानसभा में पर्याप्त संख्या बल है. यदि भारतीय जनता पार्टी अपना उम्मीदवार उतारती भी है, तो उसके जीतने की कोई संभावना नहीं है. यहां बताना प्रासंगिक होगा कि भाजपा ने राज्यसभा के उपचुनाव में अपने उम्मीदवार के बारे में अब तक कुछ भी नहीं कहा है.
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वर्ष 1975 में आईएएस अधिकारी बनने के बाद उन्होंने कई क्षेत्रों में काम किया. नवंबर 2008 से फरवरी 2012 तक भारत के संस्कृति मंत्रालय का नेतृत्व किया. उन्होंने यूनेस्को सहित शीर्ष अंतरराष्ट्रीय संगठनों में भारत का प्रतिनिधित्व किया. सार्वजनिक मुद्दों पर लिखते भी रहे हैं. तृणमूल कांग्रेस द्वारा उन्हें राज्यसभा के लिए नामित किये जाने को लेकर सरकार ने कहा कि देश में जिस तरह से मनमानी की जा रही है, उसके खिलाफ मौका मिलने पर वे सदन में बंगाल से उठी आवाज को मजबूत करेंगे.
Posted By: Mithilesh Jha