12.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

बंगाल में जल्द से जल्द उपचुनाव चाहती है तृणमूल कांग्रेस, निर्वाचन आयोग पर बनायेगी दबाव

पश्चिम बंगाल (West Bengal) की 7 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव (Assembly ByPoll) की मांग के लिए तृणमूल कांग्रेस (TMC) का प्रतिनिधिमंडल आज निर्वाचन आयोग (Election Commission) से मिलेगा.

कोलकाता: तृणमूल कांग्रेस ने पश्चिम बंगाल की 7 विधानसभा सीटों पर जल्द उपचुनाव कराने की मांग की है. ममता बनर्जी की पार्टी का एक प्रतिनिधिमंडल जल्द चुनाव कराने की मांग को लेकर भारत निर्वाचन आयोग के अधिकारियों से गुरुवार को नयी दिल्ली में मुलाकात करेगा.

मुख्यमंत्री पद पर निर्बाध बने रहने के लिए तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी के लिए ये उपचुनाव महत्वपूर्ण हैं. राज्य में सत्तारूढ़ तृणमूल के वरिष्ठ नेता सुखेंदु शेखर राय ने निर्वाचन आयोग पर तंज कसते हुए सवाल किया कि क्या वह चुनाव आयोजित कराने के लिए कोविड-19 की तीसरी लहर का इंतजार कर रहा है?

उन्होंने कहा कि वैश्विक महामारी संबंधी स्थिति काफी हद तक नियंत्रण में है और हालात चुनाव कराने के अनुकूल हैं. राज्य की पांच रिक्त सीटों के लिए उपचुनाव होने हैं. राज्य में उन दो अन्य सीटों के लिए चुनाव होने हैं, जहां उम्मीदवारों की मौत के बाद मतदान रद्द कर दिया गया था.

Also Read: VIDEO: नंदीग्राम में चोटिल हुईं तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी, बोलीं- मुझ पर हमला हुआ, चुनाव आयोग जायेंगे, EC ने मांगी रिपोर्ट

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नंदीग्राम से भाजपा प्रत्याशी शुभेंदु अधिकारी से विधानसभा चुनाव हार गयीं थीं. ऐसे में उपचुनाव उनके लिए बहुत महत्वपूर्ण है. संविधान के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति विधायक नहीं है और वह मंत्री बनता है, तो उसके लिए छह महीने में विधानसभा या विधान परिषद का सदस्य होना अनिवार्य है.

यदि मंत्री किसी सदन का सदस्य नहीं बनता है, तो उसे अपने पद से इस्तीफा देना पड़ता है. ममता बनर्जी को मुख्यमंत्री पद पर बने रहने के लिए चार नवंबर तक विधायक बनना होगा. राज्यसभा में तृणमूल के मुख्य सचेतक सुखेंदु शेखर रॉय ने कहा, उनकी पार्टी के नेता सात विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव और लंबित चुनाव कराने की मांग के साथ नयी दिल्ली में 15 जुलाई को निर्वाचन आयोग के अधिकारियों से मुलाकात करेंगे.

Also Read: तृणमूल कांग्रेस ने आयोग से कहा : केंद्रीय बलों ने पश्चिम बंगाल में ”आतंक का माहौल” पैदा किया

उनका कहना है कि जब कोरोना चरम पर था, तब विधानसभा चुनाव आठ चरणों में कराये गये थे, लेकिन अब हालात काफी सुधर गये हैं. तृणमूल कांग्रेस चाहती है कि उपचुनाव जल्द से जल्द कराये जायें. दीनहाटा और शांतिपुर विधानसभा सीटों से विधायक बने भाजपा नेताओं नीशीथ प्रमाणिक और जगन्नाथ सरकार ने इस्तीफा दे दिया था और सांसद बने रहने का फैसला किया था.

नीशीथ प्रमाणिक को हाल में मंत्रिपरिषद विस्तार के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार में शामिल किया गया है. राज्य के मंत्री शोभनदेव चट्टोपाध्याय के इस्तीफे के बाद मुख्यमंत्री सुश्री बनर्जी की परंपरागत सीट भवानीपुर खाली हो गयी है. बताया जाता है कि उन्होंने सुश्री बनर्जी की इस सीट से विधानसभा में चुने जाने का रास्ता साफ करने के लिए इस्तीफा दे दिया था.

Also Read: तुरंत उपचुनाव की घोषणा करे चुनाव आयोग, बोलीं टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी
भवानीपुर से नंदीग्राम चलीं गयीं थी ममता बनर्जी

तृणमूल सुप्रीमो ने अपनी भवानीपुर सीट छोड़कर शुभेंदु अधिकारी के खिलाफ नंदीग्राम से चुनाव मैदान में उतरने का फैसला किया था, जिसके बाद पार्टी ने भवानीपुर से चट्टोपाध्याय को मैदान में उतारा था. कोरोना के कारण तृणमूल नेताओं काजल सिन्हा और जयंत नस्कर के निधन के कारण उत्तर और दक्षिण 24 परगना जिले में क्रमश: खरदह और गोसाबा सीटों पर उपचुनाव अनिवार्य हो गया है.

ममता बनर्जी और अमित मित्रा अभी विधायक नहीं

मुर्शिदाबाद में शमशेरगंज और जंगीपुर सीटों पर उम्मीदवारों की मौत के बाद चुनाव रद्द कर दिया गया था और बाद में कोविड-19 की दूसरी लहर के कारण इसे अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया था. इस समय सुश्री बनर्जी और वित्त मंत्री अमित मित्रा मंत्रालय के ऐसे दो सदस्य हैं, जो विधायक नहीं हैं.

श्री मित्रा ने अस्वस्थ होने के कारण पद छोड़ने की इच्छा व्यक्त की है, लेकिन सुश्री बनर्जी को मुख्यमंत्री बने रहने के लिए विधानसभा उपचुनाव जीतना होगा. तृणमूल ने मई में 294 सदस्यीय विधानसभा में 213 सीटें जीतकर लगातार तीसरी बार सरकार का गठन किया है.

Posted By: Mithilesh Jha

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें