बीरभूम, मुकेश तिवारी. बीरभूम जिला पुलिस ने शनिवार की देर रात मुर्शिदाबाद के भरतपुर थाना पुलिस की मदद से शुनिया गांव में छापेमारी अभियान चलाकर अवैध हथियार बनाने वाली एक फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया है. पुलिस ने मकान में बनाकर रखे हुए अवैध हथियार फैक्ट्री से भारी मात्रा में अस्त्र शस्त्र और हथियार बनाने वाले यंत्रों को भी जब्त किया है. जिला पुलिस अधीक्षक भास्कर मुखर्जी कहना है कि बीरभूम पुलिस ने हथियारों के सौदागर को गिरफ्तार करने के बाद जिले की सबसे बड़ी हथियार फैक्ट्री का पता लगा कर उसका पर्दाफाश किया है. फैक्ट्री से ढेर सारे हथियार बरामद हुए है.
शनिवार की देर रात मुर्शिदाबाद के भरतपुर थाना पुलिस की मदद से शुनिया गांव में छापेमारी की गई थी. आरोपी हथियार कारोबारी मुर्शेद शेख के घर का पता चला था. वहां से हथियार बनाने के उपकरण और हथियार बरामद किए गए. पंचायत चुनाव से पहले इतनी मात्रा में हथियार जब्त किया गया. बताया जा रहा है कि दो दिन पूर्व ही बीरभूम जिले के माडग्राम पुलिस ने एक आरोपी मुर्शेद शेख को पांच वन शटर रिवाल्वर के साथ गिरफ्तार किया था. पूछताछ के बाद ही मुर्शेद के निशानदेही पर मुर्शिदाबाद में हथियार फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया गया. बीरभूम जिला पुलिस की यह बड़ी सफलता है.
पुलिस ने मुर्शेद को कोर्ट ले जाकर 7 दिनों के लिए हिरासत में ले लिया था. उससे पूछताछ करके, जांचकर्ताओं ने मुर्शिदाबाद के भरतपुर में हथियारों के कारखाने का पता लगाया. उसके बाद भरतपुर थाने की मदद से माडग्राम थाने की पुलिस ने शनिवार रात वहां छापेमारी की. इसका नेतृत्व थाना प्रभारी जाहिदुल इस्लाम ने किया. शुनिया गांव में मुर्शेद शेख का घर है. उस घर के शौचालय के बगल में बने एक गुप्त कमरे में हथियारों का फैक्ट्री चल रहा था. हथियारों का निर्माण वहीं किया जाता था और मुर्शिदाबाद, बीरभूम, नदिया जिले में आपूर्ति की जाती थी.
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इससे पहले पुलिस ने बीरभूम के मल्लारपुर से रमजान शेख नाम के शख्स को 180 किलो बम मसाले के साथ गिरफ्तार किया था. उन्हीं से मुर्शेद शेख का नाम पता चला था. मालूम हो कि 2016 में जेल में रहने के दौरान मुर्शेद शेख कुछ अपराधियों के संपर्क में आया था. मुर्शेद ने उन्हीं का हाथ पकड़कर हथियारों का कारोबार शुरू किया था. पुलिस को यह भी पता चला है कि बदमाश हथियार बनाने के लिए मुर्शेद के घर की गुप्त फैक्ट्री में आते थे और फिर कहीं और चले जाते थे. माडग्राम थाने की पुलिस का दावा है कि पंचायत चुनाव से पहले इस हथियार फैक्ट्री की लोकेशन उनकी प्रमुख चिंता थी.