अमेरिका और चीन दोनों देशों के बीच एक दूसरे की विमानन कंपनियों की उड़ानों को दोगुना करने पर सहमत हो गए हैं. माना जा रहा है कि इस समझौते से दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच कोविड-19 महामारी के दौरान लगाए गए यात्रा प्रतिबंध को लेकर पैदा हुआ गतिरोध घटेगा.
अमेरिका के परिवहन मंत्रालय ने उड़ानों की संख्या बढ़ाने की घोषणा करते हुए कहा कि चीन के उड्डयन प्राधिकरण ने इस हफ्ते अमेरिकी विमानन कंपनी ‘यूनाइटेड’ और ‘डेल्टा’ के परमिट में विस्तार करने का फैसला किया है. इस घोषणा के तुरंत बाद यूनाइटेड एयरलाइंस ने चार सितंबर से अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को से चीन के शंघाई के बीच हफ्ते में दो के बजाय चार उड़ानों का परिचालन शुरू करने की घोषणा की. हालांकि, डेल्टा ने तत्काल समझौते पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी.
मंत्रालय ने बताया कि इसी तरह चीन की एयर चाइना, चाइना ईस्टर्न एय लाइंस, चाइना साउथ एयरलाइंस और शियामेन एयरलाइंस सप्ताह में चार के बजाय आठ उड़ानों का परिचालन अमेरिका के लिए कर सकेंगी. आपको बता दें कि चीन से दुनियाभर में कोरोना फैलने के आरोप लगने के बाद चीन और अमेरिका में तल्खी बढ़ती चली गई थी. ट्रंप ने कई बार खुले मंच से कोरोना के लिए चीन को जिम्मेदार ठहराने का काम किया है.
ट्रंप ने रद की वार्ता: हालांकि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने साफ कहा है कि चीन के प्रति उनके रुख में कोई तब्दीली नहीं आई है. वह चीन के साथ कतई वार्ता नहीं करेंगे. राष्ट्रपति ट्रंप ने एरिजोना में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि ‘चीन के कृत्य को कभी माफ नहीं किया जा सकता. चीन ने दुनिया को संकट में डालने का काम किया है जिसकी कल्पना नहीं की जा सकती है. मैं अभी उनसे बात नहीं करना चाहता. ट्रंप ने कहा कि मैंने चीन के साथ बातचीत रद कर दी है.
चीनी कंपनी हुआवेई पर पाबंदी: इधर चीन की प्रौद्योगिकी कंपनी हुआवेई पर ट्रंप प्रशासन ने सख्ती और बढ़ा दी है. ट्रंप प्रशासन लगातार ऐसे कदम उठा रहा है, जिससे हुआवेई तक अमेरिकी प्रौद्योगिकी की पहुंच किसी भी तरीके से नहीं हो. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने फॉक्स न्यूज से कहा, हम अमेरिका में उनके उपकरण नहीं चाहते, क्योंकि वे हमारी जासूसी करते हैं. कोई भी देश जो इसका उपयोग करता है, हम खुफिया जानकारी साझा करने के संदर्भ में कुछ भी नहीं करेंगे.
Posted By : Amitabh Kumar