वाशिंगटन : एशिया में तनाव पैदा करने और हांगकांग की आजादी खत्म करने की कर रहे कोशिश के बीच अमेरिका ने चीन पर शिकंजा कसा है. अमेरिका ने चीन अधिकारियों के वीजा पर बैन लगा दिया है. इस फैसले के बाद चीन के अधिकारी अमेरिका नहीं जा पाएंगे. अमेरिका द्वारा चीन पर यह सबसे बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है.
रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने घोषणा किया कि चीन द्वारा लगातार हांगकांग की आजादी खत्म करने के प्रयास के कारण अमेरिकी राष्ट्रपति ने चीनी अधिकारियों के वीजा पर प्रतिबंध लगा दिया है. पोम्पियो ने कहा कि ट्रंप ने वादा कार्ड था कि हांगकांग की आजादी के लिए चीनी अधिकारियों को कड़ी सजा दी जाएगी.
चीन में हड़कंप- अमेरिका के इस फैसले के बाद चीन में हड़कंप मच गया है. चीनी अधिकारियों को अब अमेरिका जाने की इजाजत नहीं मिलेगी. चीन को लगता है कि आने वाले समय में अमेरिका कोई और कार्रवाई कर सकती है. बता दें कि कोरोना महामारी के बाद से ही ट्रंप चीन पर हमलावर हैं.
एशिया में सेना तैनात करेगी अमेरिका– पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर भारत-चीन की तनातनी के बीच अमेरिका से बड़ी खबर सामने आयी है. चीन की एशिया में बढ़ती तानाशाही के खिलाफ अमेरिका ने यूरोप से अपनी सेना हटाकर एशिया में तैनात करने का फैसला किया है. अमेरिकी विदेश मंत्री ने ये ऐलान किया है. अमेरिका यह कदम ऐसे समय उठा रहा है कि जब चीन ने भारत में पूर्वी लद्दाख में एलएसी के पास युद्ध जैसे हालात पैदा कर दिए हैं , तो दूसरी ओर वियतनाम, इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलिपींस और साउथ चाइना सी में खतरा बना हुआ है.
यूएन तैनात कर सकता है विशेष दूत– संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार मामलों के पूर्व प्रमुख और अन्य आठ पूर्व विशेष दूतों ने संगठन के महासचिव से बृहस्पतिवार को हांगकांग में एक विशेष दूत नियक्त करने की मांग करते हुए कहा कि बीजिंग द्वारा शहर पर दमनकारी राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लागू करने की तैयारी को देखते हुए वे वहां ‘मानवीय त्रासदी’ पैदा होने की आशंका को लेकर चिंतित हैं . चीन के इस निर्दयता के कारण माना जा रहा है कि यूएन विशेष दूत तैनात कर सकता है.
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Posted By : Avinish Kumar MIshra