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क्या ब्रिक्स को आखिरी सहारे के रूप में देख रहा कंगाल पाकिस्तान, रिपोर्ट से खुलासा, शामिल होने की कर रहा कवायद

साल 2022 में पाकिस्तान ब्रिक्स में शामिल होने की कोशिश में था. भारत ने इसका जोरदार विरोध किया था. भारत के विरोध का चीन और रूस ने भी समर्थन किया, और ब्रिक्स में पाकिस्तान की इंट्री रुक गई. अब एक बार फिर पाकिस्तान ब्रिक्स में शामिल होने की कवायद कर रहा है.

कंगाली के द्वार पर खड़ा पाकिस्तान एक बार फिर ब्रिक्स देशों में शामिल होने की इच्छा जता रहा है. एएनआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान टुडे ने इसको लेकर कहा है कि अगस्त महीने में दक्षिण अफ्रीका में समूह के आगामी शिखर सम्मेलन में इस्लामाबाद की इच्छा पर विचार-विमर्श किया जाएगा. बता दें, पाकिस्तान समेत दुनिया के 19 देशों ने ब्रिक्स में शामिल होने में अपनी रुचि दिखाई है.

ब्रिक्स में शामिल होना चाहता है पाकिस्तान
एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान की प्राथमिक विदेश नीति के एजेंडे में से एक प्रमुख एजेंडा ब्रिक्स समूह में शामिल होना है. वहीं, ब्रिक्स के सदस्य देशों ने भी समूह की सदस्यता का विस्तार करने की इच्छा जाहिर की है, लेकिन क्या पाकिस्तान को सदस्य के तौर पर शामिल किया जाएगा इसपर संशय है, क्योंकि पाकिस्तान की कंगाली हालत ब्रिक्स देशों की विश्वसनीयता को खराब कर सकती है. इसके अलावा भारत भी पाकिस्तान को शामिल करने के पक्ष में नहीं है.

विस्तार पर चर्चा

बता दें, ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका ब्रिक्स के सदस्य हैं, और इसके सदस्य देश समूह विस्तार के बारे में विचार कर रहे हैं. 19 देशों ने इस समूह में शामिल होने की इच्छा जताई है. 3 जून को भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने दक्षिण अफ्रीका से कहा था कि ब्रिक्स समूह के विस्तार का काम अभी भी जारी है और पांच देशों के समूह के सदस्य सकारात्मक उद्देश्य और खुले दिमाग से इसपर विचार कर रहे हैं. जयशंकर ने कहा कि किसी भी अन्य देश के ब्रिक्स में शामिल होने के तीन पहलू है. पहला मौजूदा ब्रिक्स सदस्य एक-दूसरे के साथ कैसे काम कर रहे हैं. दूसरा ब्रिक्स गैर-ब्रिक्स देशों को कैसे जोड़ना है. और इसका तीसरा पहलू यह है कि हम ब्रिक्स के संभावित विस्तार को कैसे देखते हैं. इसके लिए उपयुक्त प्रारूप क्या होगा, इस पर भी हमें काम करने की आवश्यकता है.

पिछले साल भी पाकिस्तान ने की थी ब्रिक्स में शामिल होने की कोशिश
गौरतलब है कि साल 2022 में भी पाकिस्तान ब्रिक्स में शामिल होने की कोशिश में था. बीते साल ब्रिक्स देशों के सम्मेलन की चीन ऑनलाइन मेजबानी कर रहा था. पाकिस्तान ब्रिक्स देशों में घुसने की कोशिश कर रहा था, जिसका भारत ने जोरदार विरोध किया. वहीं, भारत के विरोध का चीन और रूस ने भी समर्थन किया था. जिसके बाद ब्रिक्स में पाकिस्तान की इंट्री रुक गई.

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क्या है ब्रिक्स प्लस अवधारणा
ब्रिक्स के विस्तार को लेकर चीन का भी कहना है कि ‘ब्रिक्स प्लस’ की अवधारणा बहुत तेजी से विकसित हो रही है. चीन के उप मंत्री मा झाओक्सू ने कहा 3 जून को कहा था कि ब्रिक्स को सदस्य देशों के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने बहुत अच्छी तरह से मान्यता दी है. वास्तव में विकासशील देशों और उभरती अर्थव्यवस्थाओं के बीच एकजुटता और सहयोग के लिए एक मजबूत मंच प्रदान किया. उन्होंने कहा, हम उन देशों के ब्रिक्स में शामिल होने के इरादे का स्वागत करते हैं, और हम उम्मीद करते हैं कि अधिक से अधिक देश हमारे ब्रिक्स परिवार में शामिल होंगे.

भाषा इनपुट के साथ

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