Bangladesh Violence : शेख हसीना सरकार के तख्तापलट के बाद बांग्लादेश में अंतरिम सरकार का गठन हो चुका है. इसके बाद भी वहां अराजक स्थिति बनी हुई है. लूटपाट और डकैती की घटना के बीच हिंदू समुदाय को निशाना बनाया जा रहा है. हिंदुओं और अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों पर अत्याचार की खबरें लगातार आ रहीं हैं. कुछ वीडियो भी सोशज मीडिया पर वायरल हो रहे हैं. अल्पसंख्यक समुदाय के घरों में लूटपाट और तोड़फोड़ की जा रही है, जिससे हिंदुओं में भय का माहौल है.
बांग्लादेश में डर के साये में जी रहे हिंदू पलायन करने को मजबूर हैं जिसने भारत की चिंता बढ़ा दी है. पिछले दो-तीन दिनों से भारत की सीमा पर सैकड़ों बांग्लादेशी पहुंच रहे हैं, वे उम्मीद की नजर से भारत की ओर देख रहे हैं. वह भारत में पनाह पाने की आस में हैं, लेकिन बीएफएफ की सतर्कता की वजह से उन्हें वापस बांग्लादेश भेज दिया जा रहा है.
मोदी सरकार हुई एक्टिव
इस बीच, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि नरेंद्र मोदी नीत सरकार ने बांग्लादेश में मौजूदा स्थिति के मद्देनजर भारत-बांग्लादेश सीमा पर स्थिति की निगरानी के लिए एक हाई लेवल समिति का गठन किया है. समिति बांग्लादेश में अपने समकक्ष अधिकारियों के साथ संपर्क करेगी. ऐसा इसलिए ताकि वहां रहने वाले भारतीय नागरिकों, हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके. इस समिति की अध्यक्षता एडीजी (अतिरिक्त महानिदेशक), बीएसएफ, पूर्वी कमान को सौंपी गई है. बीएसएफ एडीजी के अलावा समिति के चार अन्य सदस्यों में दक्षिण बंगाल सीमांत के लिए बीएसएफ के आइजीपी भी शामिल हैं. इनके अलावा समिति में त्रिपुरा सीमांत के लिए आइजीपी, भारतीय भूमि बंदरगाह प्राधिकरण के सदस्य (योजना एवं विकास) और एलपीएआइ के सचिव को रखा गया है.
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आरएसएस ने हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने का किया आग्रह
इस बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने बांग्लादेश में हिंदुओं और अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ हिंसा की घटनाओं पर चिंता व्यक्त की है. संघ ने मोदी सरकार से उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हरसंभव प्रयास करने का आग्रह किया.