14.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

यूक्रेन-रूस के मामले में चीन ने खतरनाक तरीके से मारी इंट्री, हालात पर करीब से नजर रख रहा है भारत

बताते चलें कि रूस ने यूक्रेन की सीमा के पास एक लाख से अधिक सैनिकों का जमावड़ा कर रखा है जिससे इस क्षेत्र में युद्ध की आशंका तेज हो गयी है.

नई दिल्ली : यूक्रेन-रूस तनाव के बीच चीन ने खतरनाक तरीके से इंट्री मारी है. इस मामले में उसने रूस का समर्थन करने पर जोर दिया है. हालांकि, इस मामले में चीन के इंट्री के बाद भारत करीब से अपनी पैनी नजर बनाए हुए है. यूक्रेन-रूस तनाव में चीन की इंट्री के बाद भारत ने शुक्रवार को ही इस बात का ऐलान कर दिया है कि वह रूस और अमेरिका के बीच जारी हाई लेवल डायलॉग सहित यूक्रेन से जुड़े घटनाक्रम पर करीबी नजर बनाए हुए है.

घटनाक्रम पर नजर बनाए हुए है भारतीय दूतावास

उसने यह भी कहा कि कीव स्थित भारतीय दूतावास स्थानीय हालात पर नजर रख रहा है. इसके साथ ही, नई दिल्ली ने स्थिति के शांतिपूर्ण समाधान की आवश्यकता पर बल दिया है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने साप्ताहिक प्रेस वार्ता में कहा कि कीव में भारतीय दूतावास स्थानीय घटनाक्रम पर नजर रखे हुए है.

यूक्रेन की सीमा पर 1 लाख रूसी सैनिक तैनात

बताते चलें कि रूस ने यूक्रेन की सीमा के पास एक लाख से अधिक सैनिकों का जमावड़ा कर रखा है जिससे इस क्षेत्र में युद्ध की आशंका तेज हो गयी है. रूस ने लगातार इस बात से इनकार किया है कि वह यूक्रेन पर हमले की योजना बना रहा है, लेकिन अमेरिका और उसके नाटो (उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन) सहयोगियों का मानना है कि रूस युद्ध की ओर बढ़ रहा है तथा इसके लिए तैयारी कर रहा है. रूस की मुख्य मांगों में नाटो में यूक्रेन को शामिल नहीं करना और क्षेत्र से ऐसे हथियारों को हटाना शामिल है, जिससे रूस को खतरा हो सकता है.

चीन ने किया रूस का समर्थन

इधर, यूक्रेन को लेकर रूस और अमेरिका समेत नाटो देशों में जंग के मंडराते काले बादलों के बीच चीन ने बड़ा खेल कर दिया है. दक्षिण चीन सागर में चल रहे तनाव के बीच चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने इस पूरे विवाद में खुलकर रूस का समर्थन किया है. चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने जोर देकर कहा है कि अमेरिका को रूस के वैधानिक सुरक्षा चिंताओं को गंभीरता के साथ लेना चाहिए. माना जा रहा है कि चीन ने इस मौके को भुनाते हुए रूस की सहानुभूति हासिल करने की कोशिश की है. उधर, ड्रैगन के इस दांव से भारत की टेंशन बढ़ सकती है.

पहले युद्ध शुरू नहीं करेगा रूस

इस बीच, रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने भी शुक्रवार को पूरी दुनिया को यह भरोसा दिया है कहा कि मास्को पहले युद्ध शुरू नहीं करेगा, लेकिन उन्होंने चेतावनी भी दी है कि कि वह पश्चिमी देशों को उसके सुरक्षा हितों को रौंदने नहीं देगा.

फरवरी में हमले की आशंका जता चुके हैं बाइडन

वहीं, अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने एक दिन पहले गुरुवार को ही यूक्रेन के राष्ट्रपति को आगाह किया था कि इस बात की स्पष्ट आशंका है कि रूस फरवरी में उनके देश के खिलाफ सैन्य कार्रवाई कर सकता है.

Also Read: रूस-यूक्रेन विवाद से भारत में बढ़ेगी महंगाई! पेट्रोल-डीजल के दामों में फिर हो सकता है इजाफा, ये है कारण
यूक्रेन पर हमले से रूस का इनकार

हालांकि, रूस लगातार इस बात से इनकार कर रहा है कि वह यूक्रेन पर हमले की योजना बना रहा है, लेकिन अमेरिका और उसके नाटो सहयोगियों का मानना है कि रूस युद्ध की ओर बढ़ रहा है और इसके लिए तैयारी कर रहा है. रूस की मुख्य मांगों में नाटो में यूक्रेन को शामिल नहीं करना और क्षेत्र से ऐसे हथियारों को हटाना शामिल है, जिससे रूस को खतरा हो सकता है. लेकिन, अमेरिका और नाटो रूस की मुख्य मांगों पर किसी भी तरह की रियायत को दृढ़ता से खारिज कर चुके हैं.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें