24.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

कोरोना वायरस के टीका दूसरा क्लीनिकल ट्रायल शुरू

चीन में सेना से जुड़ी एक अनुसंधान कंपनी कोरोना वारस संक्रमण के लिए टीका विकसित करने की वैश्विक दौड़ में दूसरे ‘क्लीनिकल ट्रायल' में प्रवेश करने वाली पहली इकाई बन गयी है. कोरोना वायरस से दुनिया भर में अभी तक 120,000 व्यक्तियों की मौत हो चुकी है.

बीजिंग : चीन में सेना से जुड़ी एक अनुसंधान कंपनी कोरोना वारस संक्रमण के लिए टीका विकसित करने की वैश्विक दौड़ में दूसरे ‘क्लीनिकल ट्रायल’ में प्रवेश करने वाली पहली इकाई बन गयी है. कोरोना वायरस से दुनिया भर में अभी तक 120,000 व्यक्तियों की मौत हो चुकी है.

Also Read: कोरोना वायरस : चीन की जिस लैब से दुनिया में फैला कोरोना, अमेरिका ने दिया था रिसर्च के लिए पैसा

समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने विज्ञान एवं प्रौद्वोगिकी मंत्रालय के हवाले से बताया कि चीन ने मंगलवार को ‘क्लीनिकल ट्रायल’ के लिए तीन कोविड-19 ‘वैक्सीन सबमिशन’ को मंजूरी दे दी. पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के एकेडमी आफ मिलिट्री साइंसेस के तहत आने वाले इंस्टीट्यूट आफ मिलिट्री मेडिसिन के मेजर जनरल चेन वेई के नेतृत्व वाली एक टीम द्वारा विकसित ‘एडेनोवायरस वेक्टर’ टीका क्लीनिकल ट्रायल में प्रवेश के लिए मंजूर होने वाला पहला टीका था.

क्लीनिकल ट्रायल का पहला चरण मार्च के अंत में पूरा हुआ और दूसरा चरण 12 अप्रैल को शुरू हुआ. शिन्हुआ ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के हवाले से कहा कि यह दुनिया में कोविड-19 का पहला ऐसा टीका है जिसने क्लीनिकल ट्रायल के दूसरे चरण में प्रवेश किया है.

रविवार को, इंस्टीट्यूट ऑफ बायोटेक्नोलॉजी, एकेडमी ऑफ मिलिट्री मेडिकल साइंसेज आफ चाइना द्वारा विकसित टीके ने मानव क्लीनिकल ट्रायल के द्वितीय चरण में प्रवेश किया और इसमें 500 वालंटियर शामिल हैं. सबसे अधिक आयु का वालंटियर वुहान का 84 वर्षीय निवासी, शियोंग झेंगशिंग है, जिसका टीकाकरण सोमवार सुबह पूरा किया गया. सिएटल और वॉशिंगटन में कैसर परमानेंट अनुसंधान इकाई द्वारा मानव परीक्षण शुरू करने के बाद चीन ने कोविड-19 के लिए टीकों को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया को आगे बढ़ा दिया है.

सोमवार को डब्लयूएचओ ने कहा कि कोविड-19 के प्रसार को पूरी तरह से रोकने के लिए एक सुरक्षित और प्रभावी टीके की आवश्यकता होगी. पूरी दुनिया में वैक्सीन विकसित करने के प्रयास जारी हैं. ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटेन की कंपनियों के अलावा भारत की सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और भारत बायोटेक लैब भी टीके भी विकसित कर रहे हैं. वर्तमान में, इस घातक बीमारी की कोई प्रभावी दवा नहीं है, लेकिन दवाओं का क्लीनिकल ट्रायल जारी है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें