20.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Coronavirus Vaccine: कोविड-19 वैक्सीन बनने से पहले ही इन कंपनियों के अधिकारियों ने कमा लिए हजारों करोड़

Covid-19 Vaccine: कोरोनावायरस देश और दुनिया में हर दिन नए रिकॉर्ड्स बना रहा है. कभी संक्रमितों की संख्या हमें डराने लगती है तो कभी मृतकों का आंकड़ा. जिस तेजी से यह वायरस मानवजाति को नुकसान पहुंचाने में लगा है, हमारी दुनिया के वैज्ञानिक उतनी ही तेजी से इस वायरस को रोकने की दिशा में काम कर रहे हैं. कई लोगों ने इस वैशिवक आपदा को अवसर में भी बदल लिया

कोरोनावायरस देश और दुनिया में हर दिन नए रिकॉर्ड्स बना रहा है. कभी संक्रमितों की संख्या हमें डराने लगती है तो कभी मृतकों का आंकड़ा. जिस तेजी से यह वायरस मानवजाति को नुकसान पहुंचाने में लगा है, हमारी दुनिया के वैज्ञानिक उतनी ही तेजी से इस वायरस को रोकने की दिशा में काम कर रहे हैं. कई लोगों ने इस वैशिवक आपदा को अवसर में भी बदल लिया. कोविड-19 का वैक्सीन अभी ट्रायल राउंड में ही है लेकिन कई लोगों ने इसके नाम पर करोड़ों रुपये कमा लिए.

रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी दवा कंपनियों के अधिकारियों ने कंपनी के वैक्सीन बनाने की घोषणा से ठीक पहले शेयरों में हिस्सेदारी ली और बाजार में दाम चढ़ने पर बेच दिया. इससे कुछ ही दिनों के भीतर 1 अरब डॉलर (7.5 हजार करोड़ रुपये) का तगड़ा मुनाफा कमाया. न्यूयॉर्क टाइम्स के अनुसार, दक्षिणी सैन फ्रांसिस्को की छोटी सी दवा कंपनी वजार्ट ने 26 जून को ऐलान किया था कि जिस कोरोना वैक्सीन पर वह काम कर रही है, उसे अमेरिकी सरकार ने अपनी फ्लैगशिप योजना वार्प स्पीड में शामिल किया है.

Also Read: पीएम मोदी आज 3 शहरों में करेंगे कोरोना टेस्टिंग सेंटर की शुरुआत, यहां रोज होगी इतने सैंपल की जांच

इस खुलासे से ठीक पहले कंपनी के टॉप अधिकारियों ने इक्विटी शेयरों में हिस्सेदारी ली थी. जैसे ही यह खबर बाजार में आई, कंपनी के शेयर चढ़ने शुरू हो गए और शीर्ष अधिकारियों के इक्विटी शेयरों का मूल्य छह गुना बढ़कर 20 करोड़ डॉलर पहुंच गया. जानकारी के मुताबिक, वजार्ट के एक शेयर का मूल्य जनवरी में 30 सेंट था जो अप्रैल में 10 गुना बढ़कर 3.66 डॉलर पहुंच गया. यह दांव सिर्फ वजार्ट ही नहीं, 11 कंपनियों के शीर्ष अधिकारियों ने चला था.

इसमें अधिकतर कंपनियां बहुत छोटी हैं. वैक्सीन बनाने की दौड़ में शामिल होने की घोषणा से ठीक पहले शेयर खरीदकर इन अधिकारियों ने करीब 7.5 हजार करोड़ का मुनाफा कमा लिया. रिजेनेरन, मॉडर्ना और नोवावैक्स जैसी कंपनियों के अधिकारियों ने पैसे कमाए.

कंपनियों ने बोला झूठ

वजार्ट ने बताया था कि उसकी कोविड-19 वैक्सीन अमेरिकी सरकार ने अपनी फ्लैगशिप योजना में शामिल की है. हालांकि ये सच नहीं है. वजार्ट की वैक्सीन बंदरों पर ट्रायल के लिए थी. इसे न तो अमेरिकी सरकार से मदद मिली और न ही फ्लैगशिप योजना में शामिल किया गया. बावजूद इसके कंपनी के मुख्य कार्यकारी एंड्रयू फ्लोरयू ने जून में खरीदे 43 लाख डॉलर के स्टॉक को 2.8 करोड़ डॉलर में बेचकर बड़ा मुनाफा कमा लिया.

अमेरिका की गैर लाभकारी संस्था पेशेंट फॉर अफोर्डेबल ड्रग्स के कार्यकारी निदेशक बेन वकाना का कहना है कि वैसे तो सही समय पर स्टॉक खरीदना-बेचना कानूनन सही है. लेकिन कई निवेशकों और विशेषज्ञों का कहना है कि इन अधिकारियों ने मुनाफा कंपनी की आंतरिक खबरों के आधार पर कमाया है. यह कदम फार्मा उद्योग और निवेशकों के भरोसे को ठेस पहुंचाने वाला है.

Posted By: Utpal kant

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें