दुनिया के सबसे ताकतवर मुल्क अमेरिका में ऋण संकट गहराने लगा है. खबर है अमेरिका का राजकोषीय भंडार खत्म होने के कगार पर पहुंच चुका है. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने इसकी चेतावनी तीन महीने पहले ही दे दी थी. इधर इस संकट के बीच जो बाइडेन ने अपनी जी-7 एशिया दौरे को रद्द कर दिया है. वह पापुआ न्यू गिनी या ऑस्ट्रेलिया नहीं जाएंगे. हालांकि बाइडेन इस सप्ताह जापान के हिरोशिमा में होने वाले ग्रुप ऑफ सेवन (जी7) शिखर सम्मेलन में शामिल होंगे. राष्ट्रपति बिडेन जी7 शिखर सम्मेलन के पूरा होने के बाद रविवार को संयुक्त राज्य अमेरिका लौट आएंगे,
ऑस्ट्रेलिया ने क्वाड बैठक को किया रद्द
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन का ऑस्ट्रेलिया दौरा स्थगित होने के बाद ऑस्ट्रेलिया ने सिडनी में होने वाली क्वाड बैठक को भी रद्द कर दिया है. ऑस्ट्रेलियाई पीएम एंथोनी अल्बनीस ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका, भारत और जापान के नेता इस सप्ताह के अंत में जापान में जी 7 में मिलेंगे.
क्या डिफोल्ट हो जाएगा अमेरिका
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने हाल ही में चेतावनी दी कि अमेरिकी सरकार ने अपने ऋण लेने की अपनी तय सीमा को पार कर लिया है. यानी उसके ऊपर अब डिफॉल्ट होने का खतरा मंडराने लगा है. आईएमएफ के अनुसार अगर अमेरिकी सरकार डिफोल्ट होता है, तो पूरे विश्व में आर्थिक अस्थिरता आ सकती है. MF की कम्यूनिकेशन डायरेक्टर जूली कोजैक ने कहा, अगर अमेरिका डिफोल्ट होता है, तो इससे न केवल अमेरिका प्रभावित होगा, बल्कि इससे वैश्विक अर्थव्यवस्था को भी गंभीर परिणाम भुगतना पड़ेगा.
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Australia cancels Quad meeting in Sydney after US President Joe Biden postponed his trip to Australia due to debt ceiling negotiations in Washington.
Australian PM Anthony Albanese said the leaders of Australia, US, India & Japan would instead meet at the G7 in Japan this… pic.twitter.com/GS2xDYLrek
— ANI (@ANI) May 17, 2023
डिफॉल्ट हुआ अमेरिका तो जून में बिलों के भुगतान के लिए सरकार के पास पैसे नहीं होंगे
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने पहले ही चेतावनी दे दी थी कि अगर डिफॉल्ट हुआ, तो अमेरिकी सरकार के पास जून में बिलों के भूगतान के लिए पैसे नहीं होंगे. यूएस ट्रेजरी ने कह दिया था खजाने में पैसों की कमी के कारण सरकार को जून में बकाया भुगतान नहीं कर पायेंगे. अब जो बाइडेन सरकार पर कर्ज लिमिट बढ़ाने का दबाव बढ़ गया है. हालांकि इस मुद्दे पर अमेरिका की दोनों प्रमुख पार्टियां पार्टियां रिपब्लिकन और डेमोक्रेटिक बंटी हुई दिख रही हैं. राष्ट्रपति जो बाइडेन की डेमोक्रेटिक पार्टी कर्ज सीमा बढ़ाने के पक्ष में है.