अश्वेत अमेरिकी जॉर्ज फ्लॉयड की पुलिस हिरासत में मौत के बाद से अमेरिका में हिंसा का दौर जारी है जिसने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump, US Riots) की मुश्किलें बढा दी हैं. टीवी रिपोर्ट के अनुसार कई बड़े शहरों से लूटपाट, दंगे और आगजनी की घटनाएं देखने को मिल रही हैं. हिंसा की लपटों ने राजधानी वॉशिंगटन डीसी और वाइट हाउस को भी अपनी चपेट में ले लिया है. हालात इतने खराब हो चुके हैं कि डोनाल्ड ट्रंप को अमेरिकी मिलिट्री उतारने की धमकी दी है.
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि जॉर्ज फ्लॉयड की निर्मम हत्या ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है. सभी लोग इस घटना से दुखी हैं. जॉर्ज और उनके परिवार को इंसाफ दिलाया जाएगा. लेकिन राष्ट्रपति के तौर पर मेरी पहली प्राथमिकता देश और इसके नागरिकों के हितों की रक्षा करना है.
आगे ट्रंप ने कहा कि रविवार रात वॉशिंगटन डीसी में जो कुछ हुआ वह निंदनीय है और क्षमा करने योग्य नहीं है. मैं हजारों की संख्या में हथियारों से लैस सेना के जवानों को उतारने जा रहा हूं. सेना दंगा, आगजनी, लूट और मासूम लोगों पर हमले की घटनाओं पर लगाम लगाने का काम करेंगें.
Also Read: पीएम मोदी और ऑस्ट्रेलिया के पीएम गुरुवार को करेंगे द्विपक्षीय वार्ता
मिनेसोटा में पुलिस हिरासत में अश्वेत व्यक्ति जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के बाद हो रहे विरोध प्रदर्शनों के तीसरे दिन पुलिस के साथ तनाव बढ़ने के बाद प्रदर्शनकारियों ने व्हाइट हाउस के पास आगजनी की कई घटनाओं को अंजाम दिया. घोषित कर्फ्यू से करीब एक घंटे पहले पुलिस ने 1,000 से अधिक लोगों की भीड़ पर बड़े पैमाने पर आंसू गैस के गोले दागे. पुलिस व्हाइट हाउस से आने वाली सड़क के साथ लगने वाले लाफयेट्ट पार्क को साफ कराने और प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने की कोशिश की. प्रदर्शनकारियों ने सड़कों पर लगे चिह्नों और प्लास्टिक के अवरोधक जमा किए और एच स्ट्रीट के बीचों-बीच उन्हें आग लगा दी.
What happened in Washington, DC last night was a total disgrace. As we speak, I'm dispatching thousands & thousands of heavily armed soldiers, military personnel & law enforcement officers to stop the rioting, looting, vandalism, assaults & wanton destruction of property: US Pres pic.twitter.com/cnvh80dhHh
— ANI (@ANI) June 1, 2020
अमेरिका में अश्वेत व्यक्ति जॉ़र्ज फ्लॉयड की मौत के साथ ही अपने ही देश में पुलिस हिंसा और नस्लभेद के खिलाफ खड़े होने के लिए न्यूजीलैंड के सबसे बड़े शहर में सोमवार को हजारों लोगों ने मार्च किया. अश्वेत पुरुषों और महिलाओं की पुलिस द्वारा हत्या के नये मामले के बाद अमेरिका में उपजी नागरिक अशांति को लेकर विश्व के कई लोगों के मन में बेचैनी थी. फ्लॉयड की मिनीपोलिस में 25 मई को मौत हो गई थी जब एक श्वेत पुलिस अधिकारी ने फ्लॉयड की गर्दन पर तब तक अपना घुटना दबा कर रखा जब तक कि उसकी सांसें नहीं थम गईं. ऑकलैंड में प्रदर्शनकारियों ने अमेरिकी वाणिज्य दूतावास तक मार्च किया और घुटनों पर बैठ गए. उनके हाथों में “मैं सांस नहीं ले पा रहा” और “असल वायरस नस्लभेद है” जैसे नारों के पोस्टर थे. न्यूजीलैंड में ही सैकड़ों अन्य, कई स्थानों पर हो रहे शांतिपूर्ण प्रदर्शन में शामिल हुए.
Posted By : Amitabh Kumar