Pakistan News: पंजाब पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को कहा कि पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान पर सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमले की साजिश रचने और लोगों को विद्रोह के लिए उकसाने के लिए “आपराधिक साजिश” का आरोप लगाया गया है, जिसमें अधिकतम मौत की सजा का प्रावधान है. 9 मई को भ्रष्टाचार के एक मामले में अर्धसैनिक रेंजर्स द्वारा पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद पाकिस्तान में बड़े पैमाने पर सरकार विरोधी प्रदर्शन हुए.
दंगों के दौरान रावलपिंडी में सैन्य मुख्यालय सहित दर्जनों सैन्य प्रतिष्ठान और सरकारी इमारतें क्षतिग्रस्त हो गईं या आग लगा दी गईं. पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियों के 100 से अधिक वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया. इमरान खान और सैकड़ों पीटीआई नेताओं और कार्यकर्ताओं पर 9 मई को शहर में लाहौर कोर कमांडर हाउस और अस्करी टॉवर पर हमला करने का आरोप है.
यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए, लाहौर पुलिस के वरिष्ठ जांच अधिकारी अनूश मसूद ने कहा कि इमरान खान और अन्य पीटीआई नेताओं और कार्यकर्ताओं पर 9 मई को सैन्य और राज्य प्रतिष्ठानों पर हमला करने के लिए समर्थकों को उकसाने के लिए “आपराधिक साजिश” का आरोप लगाया गया है. उन्होंने कहा कि पुलिस ने लाहौर में 9 मई की घटनाओं की गहन जांच की और पीटीआई प्रमुख को सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमलों और लोगों को हिंसा के लिए उकसाने का “मास्टरमाइंड” पाया.
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“धारा 120-बी के अलावा, इमरान खान और अन्य को दंगा भड़काने के इरादे से उकसाने, विद्रोह को बढ़ावा देने और पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध छेड़ने का प्रयास करने के संबंध में नौ अन्य अपराधों का सामना करना पड़ेगा. मामले का चालान पुलिस जांचकर्ताओं और अभियोजकों द्वारा तैयार किया गया है और इसे आतंकवाद विरोधी अदालत लाहौर में प्रस्तुत किया जाएगा,” मसूद ने कहा.
इमरान खान 5 अगस्त, 2023 से पंजाब प्रांत की अटक जेल में हैं. उन्हें तोशाखाना (उपहार) मामले में गिरफ्तार किया गया था और बाद में तीन साल की कैद की सजा सुनाई गई थी. बाद में ऊपरी अदालत द्वारा फैसले को निलंबित करने के बाद उन्हें मामले में जमानत दे दी गई. हालांकि, उन्हें आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम के तहत सिफर मामले में फिर से गिरफ्तार कर लिया गया.
इमरान खान ने सिफर मामले में गिरफ्तारी के बाद जमानत की मांग करते हुए इस्लामाबाद उच्च न्यायालय (आईएचसी) का दरवाजा खटखटाया है. सिफर मामला एक राजनयिक दस्तावेज़ से संबंधित है जो कथित तौर पर इमरान खान के पास से गायब हो गया था. पीटीआई पार्टी प्रमुख का आरोप है कि इसमें संयुक्त राज्य अमेरिका की ओर से उन्हें सत्ता से बाहर करने की धमकी शामिल थी. इमरान खान और पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद कुरेशी मामले में सुनवाई में भाग ले रहे हैं, जबकि पीटीआई नेता असद उमर और पूर्व प्रमुख सचिव आजम खान की संलिप्तता जांच के दौरान निर्धारित की जा रही है.