20.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

अफगान में तालिबान शासन ने महिलाओं के काम पर लगाई रोक, जर्मन विदेश मंत्री एनालेना बेयरबॉक ने उठाई आवाज

जर्मनी की विदेश मंत्री एनाबेना बेयरबॉक ने ट्वीट किया कि हम यह स्वीकार नहीं करेंगे कि तालिबान मानवीय सहायता को अपने स्त्री द्वेष का मैदान बना ले. वे आधी आबादी को एक और बुनियादी अधिकार से वंचित करने की कोशिश कर रहे हैं.

म्यूनिख : जर्मनी की विदेश मंत्री एनालेना बेयरबॉक ने रविवार को अफगानिस्तान में तालिबानी शासन की महिलाओं के दमन की नीति के खिलाफ आवाज बुलंद करते हुए उनकी उच्च शिक्षा पर लगाए गए प्रतिबंध के खिलाफ वैश्विक समुदाय से कड़े कदम उठाने की मांग की है. उन्होंने सोशल मीडिया पर न केवल तालिबानी शासन के फैसले की कड़ी निंदा की है, बल्कि यह भी कहा कि देश में लोगों के बुनियादी अधिकारों और मानवीय सिद्धांतों का उल्लंघन होते देखना अस्वीकार्य है.

तालिबान शासन ने अफगान में बनाया स्त्री द्वेष का मैदान

जर्मनी की विदेश मंत्री एनाबेना बेयरबॉक ने ट्वीट किया कि हम यह स्वीकार नहीं करेंगे कि तालिबान मानवीय सहायता को अपने स्त्री द्वेष का मैदान बना ले. वे आधी आबादी को एक और बुनियादी अधिकार से वंचित करने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि तालिबानी शासन मानवहीय सिद्धांतों का उल्लंघन कर रहे हैं और लोगों की महत्वपूर्ण जरूरतों को खतरे में डाल रहे हैं. उन्होंने कहा कि रोजगार, शिक्षा और सार्वजनिक जीवन से महिलाओं का बहिष्कार देश की प्रगति को बर्बाद करने की दिशा में उठाया गया एक कदम है.

अफगान को बर्बाद करे देगा महिला विरोधी आदेश

एनालेना बेयरबॉक ने आगे कहा कि जो लोग महिलाओं और बालिकाओं को रोजगार, शिक्षा और सार्वजनिक जीवन से बाहर रखते हैं, वे अपने देश को बर्बाद करते हैं. उन्होंने कहा कि लिंग आधारित उत्पीड़न भी मानवता के खिलाफ अपराध हो सकता है. हम अंतरराष्ट्रीय समुदाय से एक मजबूत प्रतिक्रिया के लिए प्रतिबद्ध हैं.

देसी-विदेशी एनजीओं में महिलाओं के काम पर रोक

बताते चलें कि पिछले शनिवार को तालिबानी शासन ने सभी स्थानीय और विदेशी गैर-सरकारी संस्थाओं (एनजीओ) को महिला कर्मचारियों को देश में काम पर जाने से रोकने का आदेश जारी किया है. टोलो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, तालिबान के नेतृत्व वाले अर्थव्यवस्था मंत्रालय ने सभी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय गैर-सरकारी संगठनों को अगली घोषणा तक महिला कर्मचारियों की नौकरियों को निलंबित करने का आदेश दिया. यह आदेश तालिबान द्वारा देश भर में छात्राओं के लिए विश्वविद्यालय को बंद करने के आदेश के कुछ दिनों बाद आया है.

Also Read: अफगानिस्तान में तालिबान को बायोलॉजी के सब्जेक्ट से है दिक्कत, अब महिलाओं के लिए आया नया फरमान
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस भी चिंतित

उधर, अफगानिस्तान में तालिबानी शासन द्वारा इस प्रकार के आदेश दिए जाने के बाद संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय गैर-सरकारी संगठनों के लिए काम करने वाली महिलाओं पर तालिबान द्वारा लगाए गए प्रतिबंध के बारे में गहरी चिंता व्यक्त की है. महासचिव के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने एक बयान में कहा कि महासचिव वास्तव में तालिबानी शासन द्वारा राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय गैर-सरकारी संगठनों के लिए काम करने वाली महिलाओं पर रोक लगाए जाने को लेकर काफी चिंतित हैं. उन्होंने कहा कि यह फैसला देश भर में काम कर रहे कई संगठनों के काम को कमजोर कर देगा, जो सबसे कमजोर लोगों और खासकर महिलाओं और लड़कियों की मदद कर रहे हैं.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें