यूरोपीय जलवायु निगरानी संगठन ने आधिकारिक रूप से पुष्टि की है कि इस साल के जुलाई माह ने गर्मी के पिछले सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं और यह अबतक का सबसे गर्म महीना रहा है.
जुलाई में विश्व का औसत तापमान 16.95 डिग्री सेल्सियस
यूरोपीय संघ के अंतरिक्ष कार्यक्रम की इकाई कोपरनिकस क्लाइमेट चेंज सर्विस ने मंगलवार को घोषणा की है कि गत जुलाई में विश्व का औसत तापमान 16.95 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो 2019 में दर्ज सबसे अधिक औसत तापमान से एक तिहाई (0.33)डिग्री सेल्सियस अधिक है. वैज्ञानिकों ने कहा कि आमतौर पर वैश्विक तापमान का रिकॉर्ड एक डिग्री के 100वें या 10वें अंतर से टूटता है, इसलिए यह अंतर असमान्य है. दो जुलाई से ही महीने के दिन में पहले के रिकॉर्ड के मुकाबले अधिक तापमान दर्ज किया जा रहा था. तापमान का अंतर इतना अधिक था कि कोपरनिकस और विश्व मौसम विज्ञान संगठन ने असमान्य रूप से महीना समाप्त होने से पहले ही घोषणा कर दी कि यह संभवत: सबसे गर्म महीना रह सकता है जिसकी आधिकारिक पुष्टि अब की गई है.
जलवायु परिवर्तन के लिए ये हैं जिम्मेदार
कोपरनिकस क्लाइमेट चेंज सर्विस की उपनिदेशक समांथा बर्गेस ने कहा कि इस रिकॉर्ड के लोगों और ग्रह दोनों के लिए गंभीर परिणाम होते हैं और ये बार-बार और अति कठोर मौसम के रूप में होते हैं. अमेरिका के दक्षिण पश्चिम और मैक्सिकों में प्राणघातक गर्म हवाएं चल रही हैं और वैज्ञानिकों ने इसके लिए इनसानों द्वारा कोयला, तेल और प्राकृतिक जीवाश्म ईंधन के उपयोग से जलवायु परिवर्तन में होने वाले बदलाव को जिम्मेदार ठहराया है.
समुद्रों का तापमान गत 30 साल के मुकाबले आधा डिग्री अधिक दर्ज किया गया
वैज्ञानिकों के मुताबिक जुलाई 2023 में औद्योगिकी क्रांति से पूर्व के मुकाबले औसतन 1.5 डिग्री सेल्सियस अधिक तापमान दर्ज किया गया. कोपरनिकस ने कहा कि पिछले महीने बहुत गर्मी थी और जुलाई 2023 में जुलाई 1991 से जुलाई 2020 के औसत तापमान से 0.7 डिग्री अधिक औसत तापमान दर्ज किया गया. आंकड़ों के मुताबिक दुनिया के समुद्रों का तापमान गत 30 साल के मुकाबले आधा डिग्री अधिक दर्ज किया गया और उत्तरी अटलांटिक महासागर का औसत तापमान से 1.05 डिग्री अधिक गर्म रहा. अंटार्कटिक सागर में इस साल औसत से 15 प्रतिशत कम समुद्री बर्फ जमी.