पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को इस्लामाबाद हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने निचली अदालत का फैसला पलटते हुए उन्हें जमानत दे दी है. मुख्य न्यायाधीश आमिर फारूक और न्यायमूर्ति तारिक महमूद जहांगीरी की खंड पीठ ने यह बहुप्रतीक्षित फैसला सुनाया. खंड पीठ ने मामले में निचली अदालत के निर्णय को चुनौती देने वाली इमरान की याचिका पर दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद सोमवार को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. गौरतलब है कि इस्लामाबाद की एक सत्र अदालत ने पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के अध्यक्ष इमरान खान को तोशाखाना भ्रष्टाचार मामले में पांच अगस्त को तीन साल जेल की सजा सुनाई थी.
Islamabad High Court (IHC) suspended Pakistan Tehreek-e-Insaf (PTI) Chairman Imran Khan's sentence awarded to him in the Toshakhana case, reports Pakistan's Geo News pic.twitter.com/g7NyO1aIw3
— ANI (@ANI) August 29, 2023
गौरतलब है कि तोशाखाना भ्रष्टाचार मामले में तीन साल की जेल की सजा निलंबित करने की पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के अनुरोध वाली याचिका पर इस्लामाबाद उच्च न्यायालय मंगलवार को अपना फैसला सुना दिया है. जिसके तहत इमरान खान को जमानत मिल गई है. बता दें, मुख्य न्यायाधीश आमिर फारूक और न्यायमूर्ति तारिक महमूद जहांगीरी की खंड पीठ ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद याचिका पर सोमवार को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. खंड पीठ ने बाद में कहा था कि फैसला मंगलवार को सुबह 11 बजे सुनाया जाएगा. इस्लामाबाद की एक सत्र अदालत ने पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी (पीटीआई) के 70 वर्षीय अध्यक्ष इमरान खान को तोशाखाना भ्रष्टाचार मामले में पांच अगस्त को तीन साल की जेल की सजा सुनाई थी.
चुनाव लड़ने पर रोक!
क्रिकेटर से नेता बने इमरान को 2018 से 2022 के बीच उनके प्रधानमंत्री कार्यकाल के दौरान उन्हें और उनके परिवार को मिले राजकीय उपहारों को गैरकानूनी रूप से बेचने के आरोप में दोषी करार देते हुए यह सजा सुनाई गई थी. पीटीआई प्रमुख पर अगले पांच साल तक राजनीतिक गतिविधियों में हिस्सा लेने पर भी रोक लगा दी गई, जिससे वह आगामी चुनाव नहीं लड़ सकेंगे. इमरान ने निचली अदालत के फैसले को इस्लामाबाद उच्च न्यायालय में चुनौती दी है.
इमरान के वकील लतीफ खोसा ने उनकी दोषसिद्धि के खिलाफ अपनी बहस गुरुवार को पूरी कर ली थी और जोर देकर कहा था कि यह फैसला बहुत जल्दबाजी में दिया गया है तथा यह खामियों से भरा हुआ है. उन्होंने अदालत से फैसले को रद्द करने का आग्रह किया था, लेकिन बचाव पक्ष ने अपनी बहस को पूरी करने के लिए और समय दिए जाने की मांग की थी. कई लोगों का मानना है कि इमरान को दोषी ठहराने वाले आदेश में उच्चतम न्यायालय द्वारा कई खामियों को सामने लाए जाने के बाद उच्च न्यायालय का फैसला पूर्व प्रधानमंत्री के पक्ष में आ सकता है.
क्या है तोशाखाना मामला
तोशाखाना कैबिनेट प्रभाग के अंतर्गत आने वाला एक विभाग है, जहां अन्य सरकारों के प्रमुखों और विदेशी गणमान्य व्यक्तियों की ओर से शासकों और सरकारी अधिकारियों को दिए गए उपहारों को रखा जाता है. अगर शासक या फिर सरकारी अधिकारी उस उपहार को निजी तौर पर रखना चाहता है, तो उसे उस उपहार के मूल्य के बराबर की राशि का भुगतान करना होता है. जिसे निलामी के जरिय तय किया जाएगा. निलामी में जो भी राशि प्राप्त होते हैं, उसे राष्ट्रीय खजाने में जमा कराया जाता है. इसी कड़ी में साल 2018 में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बनने के बाद इमरान खान को आधिकारिक यात्राओं के दौरान करीब 14 करोड़ रुपये के 58 उपहार मिले थे. इमरान खान पर आरोप है कि उन्होंने उन कीमती उपहारों को तोशाखाना से सस्ते दाम पर खरीद लिये और मंहगे दाम पर बाजार में बेच दिये.
इमरान खान को सत्ता से हटाये जाने के बाद सत्तारूढ़ सरकार ने नेशनल असेंबली में तोशाखाना मामले को उठाया था और इमरान खान के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गयी थी. बाद में असेंबली के अध्यक्ष ने इमरान खान के खिलाफ जांच का आदेश दिया. आरोप तय होने के बाद इमरान खान की संसद सदस्यता भी चली गयी थी.
कौन हैं इमरान खान
पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान का पूरा नाम इमरान अहमद खान नियाजी है. वह एक पाकिस्तानी राजनेता हैं. वे पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के संस्थापक और अध्यक्ष भी हैं. इमरान खान का जन्म 1952 में पाकिस्तान के लाहौर में हुआ था. राजनेता से पहले इमरान खान एक प्रसिद्ध पाकिस्तानी क्रिकेटर थे, जिन्होंने पाकिस्तानी टीम को वर्ल्ड कप में वर्ल्ड चैंपियन भी बनाया था. 2013 में वे पाकिस्तान की राजनीति में आए और पीटीआई (PTI) के झंडे के तहत पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के पद की चुनाव लड़े. 2018 में हुए चुनाव में PTI पार्टी ने बड़ी जीत दर्ज की और इमरान खान ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के पद पर स्वीकार किया गया.
भाषा इनपुट से साभार