संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में बतौर अस्थाई सदस्य भारत 8वीं बार चुना गया है. 192 वोटों में से भारत को 184 वोट मिले है. इसके साथ ही भारत साल 2021-22 के बीच सुरक्षा परिषद के अस्थायी सदस्य के तौर पर कार्य करेगा. भारत का सुरक्षा परिषद में पहुंचना देश के लिए काफी अहम बात है. इसके पहले भारत 1950-51, 1967-68, 1972-73, 1977-78, 1984-85, 1991-92 और 2011-12 में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अस्थाई सदस्य रह चुका है. संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस त्रिमूर्ति ने इस जीत पर खुशी ज़ाहिर की है.
भारत की इस जीत से एक बार फिर पाकिस्तान परेशान हो गया है. पाकिस्तान ने कहा है कि भारत का संयुक्त राष्ट्र संघ में सुरक्षा परिषद का अस्थाई सदस्य चुना जाना चिंता का विषय है. पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह मोहम्मद कुरैशी ने कहा है कि सुरक्षा परिषद में अस्थाई रूप से भारत का शामिल होना निश्चित तौर पर चिंता का विषय है. वहीं, उन्होंने ये भी कहा कि भारत के अस्थाई सदस्य बनने से पाकिस्तान को कोई खास फर्क नहीं पड़ेगा, पाकिस्तान भी कई बार अस्थाई सदस्य रह चुका है.
सुरक्षा परिषद के अस्थाई सदस्य के चुनाव में भारत को अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, चीन, इंडोनेशिया, ईरान, जापान, कुवैत, किर्गिजिस्तान, मलेशिया, मालदीव, म्यामां, नेपाल, पाकिस्तान, कतर, सऊदी अरब, श्रीलंका, सीरिया, तुर्की, संयुक्त अरब अमीरात और वियतनाम जैसे एशिया पैसेफिक देशों ने समर्थन किया है.
सुरक्षा परिषद का मुख्य काम विश्व में शक्ति संतुलन बनाये रखना है. सुरक्षा परिषद में कुल 15 देश शामिल हैं, जिनमें पांच देश अमेरिका, रूस, फ्रांस, ब्रिटेन और चीन स्थायी सदस्य हैं. इसके अलावा दस अन्य देशों को अस्थाई सदस्यता प्राप्त है. इन्हीं में अब भारत का नाम एक बार फिर से जुड़ गया है.
Posted by : Pritish Sahay