वाशिंगटन : अमेरिका में विरोध प्रदर्शनों और हिंसा के बीच भारतीय मूल की अमेरिकी और पेप्सिको की पूर्व सीईओ इंद्रा नूई ने कहा है इस तकलीफ और प्रणालीगत नस्लवाद की पहचान करने की जिम्मेदारी सभी की है.
नुई ने ट्विटर पर पोस्ट किए एक बयान में कहा, ‘‘बीते सप्ताह हमने लाखों अमेरिकियों को जॉर्ज फ्लॉयड, ब्रेओन्ना टेलर और अहमदू अरबेरी की दुखद मृत्यु के जवाब में देश भर में विरोध प्रदर्शनों के दौरान अपना दर्द मुखर करते देखा.” उन्होंने इस ट्वीट के साथ हैशटैग ‘ब्लैक लाइव्स मैटर’ यानी काले लोगों के जीवन का महत्व है, भी लिखा. अमेरिका में अफ्रीकी-अमेरिकी जॉर्ज फ्लॉयड की हिरासत में मौत के खिलाफ हिंसक प्रदर्शनों की आग अमेरिका के 140 शहरों तक पहुंच गयी है, जिसे देश में पिछले कई दशकों में सबसे खराब नागरिक अशांति माना जा रहा है.
https://twitter.com/IndraNooyi/status/1267574444282777600
वहीं हिंसा रोक पाने में अधिकारियों के विफल रहने के बाद न्यूयॉर्क सिटी में सोमवार देर रात कर्फ्यू लगा दिया गया. देश के अन्य शहरों की तरह न्यूयॉर्क में भी रात 11 बजे से सुबह पांच बजे तक कर्फ्यू रहेगा. नूई ने कहा, ‘‘हम सभी की जिम्मेदारी है कि इस दर्द को और उस प्रणालीगत नस्लवाद को पहचानें, जिसने इस दर्द को पैदा किया.” उन्होंने कहा कि आगे का रास्ता निश्चित रूप से चुनौतीपूर्ण है और न्याय के लिए इस रास्ते पर आगे बढ़ने का आह्वान किया.
इंद्रा नुई एक भारतीय अमेरिकी हैं. 64 साल की इंद्रा को विश्व की सौ शक्तिशाली महिलाओं में शुमार किया जाता है. वर्ष 2014 में फोर्ब्स ने उन्हें की सौ शक्तिशाली महिलाओं में 13वें नंबर पर रखा था. वे आईसीसी की बोर्ड मेंबर भी रह चुकी हैं.
Posted By : Rajneesh Anand