Lashkar-e-Taiba: पाकिस्तान से एक बड़ी खबर सामने आ रही है. जानकारी के अनुसार एक आतंकी ऑपरेटिव की रहस्यमय हत्या हुई है जिसकी चर्चा पूरे देश में हो रही है. खबरों की मानें तो अज्ञात बंदूकधारियों ने गत शनिवार कराची में लश्कर-ए-तैयबा के एक खूंखार आतंकी को गोली मार दी जिसमें उसकी मौत हो गई. मृतक की पहचान मुफ्ती कैसर फारूक के रूप में की गई, जिन्हें एधी सेंटर इलाके में गुलशन-ए-उमर मदरसा में गोलियों से भून दिया गया. पाकिस्तान के डॉन अखबार ने इस बाबत खबर प्रकाशित की है. मारे गये आतंकी की उम्र 30 वर्ष बताई जा रही है. टारगेट बनाकर उसकी हत्या की गई है. एक ओर जहां पाकिस्तानी मीडिया फारूक की हत्या के पीछे के संभावित मकसद पर कुछ भी कहने से बच रहा है. वहीं सूत्रों ने हत्या के लिए लश्कर कैडरों के बीच अंदरूनी कलह को जिम्मेदार ठहराया है. पाकिस्तानी मीडिया के रिपोर्टों की मानें तो पुलिस सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि फारूक को पीठ पर गोली मारी गई है. गोली लगने के बाद उसे अस्पताल ले जाया गया जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. हमले में एक 10 वर्षीय लड़का घायल हो गया.
हाई सिक्योरिटी वाले इलाके में हुई हत्या
फारूक की हत्या का सीसीटीवी फुटेज सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. वीडियो वायरल करके दावा किया जा रहा है कि ये फारूक की हत्या के वक्त का है. वायरल वीडियो में लोग भागते हुए नजर आ रहे हैं जबकि इसमें एक शख्स नजर आ रहा है जो गोली लगने के बाद सड़क पर गिरते हुए दिख रहा है. सूत्रों ने मामले को लेकर कहा कि हत्या को शर्प शूटरों ने अंजाम दिया है जो वहां के इलाके के बारे में पूरी तरह से अवगत थे. हत्या करने वाले स्थानीय भी हो सकते हैं. ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि ये हाई सिक्योरिटी वाला इलाका है. यहां कोई बाहरी आकर इस तरह की घटना को अंजाम नहीं दे सकता है.
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लश्कर में बगावत
यहां चर्चा कर दें सितंबर में, आतंकवादी संगठनों से जुड़े धार्मिक मौलवियों की हत्या की घटना सुनने को मिली थी. लश्कर के गुर्गों को सबसे ज्यादा निशाना बनाया गया है. हत्या ने आतंकवादी संगठन में अराजकता को भी सुर्खियों में लाने का काम किया है. बताया जा रहा है कि हाफिज सईद के बेटे का कद संग्ठन में बढ़ाने के खिलाफ लश्कर में एक बड़े वर्ग ने बगावत कर दी है.
हाफिज सईद के बेटे तल्हा को दूसरे नंबर का कमांडर बनाए जाने के खिलाफ जमकर विद्रोह की खबर आ रही है. तल्हा लश्कर-ए-तैयबा के दूसरे कमांडर के रूप में भारत के खिलाफ चलाए जा रहे अभियानों का नेतृत्व कर रहा है. यहां चर्चा कर दें कि वह 2019 में लाहौर में एक रेफ्रिजरेटर की दुकान के पास हुए बम विस्फोट में मारे जाने से बाल-बाल बच गया था जिसकी चर्चा ने सुर्खियां बटोरी थी.
आतंकियों को कहां दी जा रही है पनाह
पिछले दिनों लश्कर-ए-तैयबा के संचालक और प्रमुख मौलवी मौलाना जियाउर रहमान की हत्या के बाद, पाकिस्तान में एक दर्जन से अधिक आतंकवादियों और उनके समर्थकों को आईएसआई के सुरक्षित ठिकानों में जगह दी गई. उल्लेखनीय है कि रहमान की कराची के गुलिस्तान-ए-जौहर में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. रहमान को पॉइंट ब्लैंक रेंज से ताबड़तोड़ कई गोलियां मारी गई.