उत्तर कोरिया के लोग अपने सनकी तानाशाह किम जोंग की अजीब-अजीब आदेश के लिए काफी परेशान होते हैं. इसी कड़ी में किम जोंग के एक और सनकी फैसले के कारण करीब दो लाख लोग कई दिनों से घरों में कैद हो गए हैं. हालत ये है कि पूरे शहर में लॉकडाउन लगा दिया गया है. सारा मामला बंदूक की गोलियों से जुड़ा है. महज 653 गोलियों के लिए पूरा शहर और उसमें रहने वाले करीब 2 लाख लोग बीते 10 दिनों से घरों में कैद हो गये हैं. यह घटना उत्तर कोरिया के रियांगगैंग के हेसन शहर की है.
सेना की गायब हुई 653 गोलियां: रेडियो फ्री एशिया की रिपोर्ट की एक रिपोर्ट के मुताबिक, बीते सात मार्च को एक सैन्य वापसी के दौरान जवानों के पास से 653 गोलियां गायब हो गई थीं. पहले तो जवानों ने खुद गोलियां ढूंढने की कोशिश की, लेकिन जब गोलियां काफी तलाश के बाद भी न मिली तो उन्होंने बड़े अधिकारियों को इसकी सूचना दे दी. जिसके बाद सेना और पुलिस को कारतूसों की खोजबीन में लगाया गया है.
पूरे शहर में लगा है लॉकडाउन: गोलियां कहां गायब हुई इसका पता न तो सेना लगा पा रही है और न ही तलाशी में जनता के घरों से इसका कोई सुराग मिल रहा है. वहीं, गोलियां गायब होने के बाद से ही किम जोंग सरकार का सख्त आदेश आदेश जारी हो गया है कि जब तक सारी गोलियां नहीं मिल जाती हैं तब तक पूरे शहर में लॉकडाउन लगा रहेगा. पुलिस और सेना की तमाम कोशिशों के बाद भी गोलियां बरामद नहीं हो पाई हैं.
घरों में कैद हुए दो लाख से ज्यादा लोग: रेडियो फ्री एशिया की रिपोर्ट के मुताबिक, 10 दिन बीते जाने के बाद भी गोलियां नहीं मिल पाई हैं. इस कारण हेसन शहर के लोग घरों में रहने के लिए मजबूर हो गये हैं. पूरे शहर में लॉकडाउन लगा हुआ है. सैनिक और पुलिस घर-घर में तलाशी ले रहे हैं. लेकिन अभी तक गोलियों का कोई सुराग नहीं मिल पाया है.
क्या है पूरा मामला: गौरतलब है कि कोरियाई पीपुल्स आर्मी की सातवीं बटालियन चीन सीमा से वापस आ रही थी. वापसी को दौरान जवानों के पास से 653 गोलियां गायब हो गई. लेकिन काफी खोजबीन के बाद जब गोलियां नहीं मिली तो पूरे शहर में लॉकडाउन लगा कर गोलियों की खोजबीन की जाने लगी. पूरे शहर को सील कर दिया गया है. घर-घर तलाशी हो रही है. लेकिन गोलियों का अब तक कोई सुराग नहीं मिला है.