Christmas : दुनियाभर के कई देशों में आज क्रिसमस का त्योहार मनाया जा रहा है. लेकिन, क्या आपको पता है कि ईसा मसीह का बाइबिल आधारित जन्मस्थान अब कैसा दिखने लगा है. हर क्रिसमस के त्योहार पर जिस जगह दुनियाभर के लोग आते रहते थे वह इलाका अब सुनसान है. पर्व का उत्साह वहां गायब है. उत्सव की रोशनी और क्रिसमस ट्री जो आम तौर पर मैंगर स्क्वायर को सजाते हैं, वे भी गायब है. बस वहां एक ही चीज मौजूद थी, दर्जनों फिलिस्तीनी सुरक्षा बलों द्वारा उस वीरान पड़े चौक पर गश्ती.
कई लोग जो वहां आते थे और आसपास में रहते थे उनका कहना है कि पिछले साल जब वह यहां आए थे तो उन्होंने ऐसा नहीं सोचा था कि अगले साल ये माहौल इतना वीरान होगा. उन्होंने कहा इस साल, क्रिसमस ट्री और रोशनी के बिना यहां बस अंधेरा है. विन्ह ने यह भी कहा कि वह हमेशा क्रिसमस मनाने के लिए बेथलेहम आते हैं, लेकिन इस साल विशेष रूप से स्थिति गंभीर था. उन्होंने मैंगर स्क्वायर में सफेद कफन में लिपटे शिशु यीशु के जन्म के दृश्य को देखा, जो गाजा में लड़ाई में मारे गए हजारों बच्चों की याद दिलाता है.
इस घटनास्थल के चारों ओर कंटीले तार लगे हुए थे, धूसर मलबा उस खुशी को नहीं दिखा पा रहा था जब ईसा मसीह का जन्म हुआ था बल्कि, इजराइल और हमास के बीच चल रहे युद्ध की तस्वीर बयां कर रहा था. उन्होंने कहा कि आम तौर पर क्रिसमस के मौसम के दौरान इस चौक में लोग भर जाते थे. लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ. ऊपर से ठंड और बरसात के मौसम ने मूड को और खराब कर दिया.
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साथ ही आपको बता दें कि इस शहर की अर्थव्यवस्था को भी काफी नुकसान हुआ है. क्रिसमस का फेस्टिवल रद्द होने की वजह से बेथलेहम की अर्थव्यवस्था पर गहरा झटका लगा है. बेथलहम की आय का अनुमानित 70% हिस्सा पर्यटन से आता है – लगभग सारा क्रिसमस के मौसम के दौरान. जो कि इस बार नहीं आया है. इजराइल और हमास की लड़ाई इस नुकसान का कारण है. बताया जा रहा है कि कई प्रमुख एयरलाइनों द्वारा इजराइल के लिए उड़ानें रद्द करने के कारण, बहुत कम विदेशी लोग आ रहे हैं. स्थानीय अधिकारियों का कहना है कि बेथलहम में 70 से अधिक होटलों को बंद करने के लिए मजबूर किया गया, जिससे हजारों लोग बेरोजगार हो गए.
मीडिया एजेंसी की मानें तो क्रिसमस की पूर्वसंध्या पर उपहार की दुकानें शहर में बहुत कम खुली. इसका बड़ा कारण बारिश को भी बताया जा रहा था लेकिन, बारिश रुकने के बाद कुछ और दुकानें खुलीं. हालांकि, वहां आने वाले लोगों की संख्या बहुत ही कम थी. वहां की दुकानों के मालिक ने कहा कि जब कुछ लोगों (गाजा में) के पास रहने के लिए घर तक नहीं है, तो हम एक पेड़ लगाने और सामान्य रूप से जश्न मनाने को उचित नहीं ठहरा सकते हैं. इसलिए इस बार यहां जश्न का माहौल नहीं है.