पाकिस्तान ने 2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों के मास्टरमाइंड और लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) साजिद मीर को गिरफ्तार कर लिया है. लाहौर की एक आतंकवाद-रोधी अदालत ने साजिशकर्ता को आतंकवाद के वित्तपोषण के मामले में 15 साल से अधिक की जेल की सजा सुनाई है. आपको बता दें कि इससे पहले पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी (Pakistani Intelligence Agency) ने एफबीआई (FBI) की ओर से मोस्ट वांटेड साजिद की मौत होना का दावा किया था. विशेषज्ञों की मानें तो पाकिस्तान ने एफएटीएफ की ग्रे सूची से निकलने के लिए मीर को सजा दिलाने का नाटक किया है.
लश्कर-ए-तैयबा और जमात-उद-दावा के नेताओं के आतंकवाद वित्तपोषण के मामलों से जुड़े एक वरिष्ठ वकील ने शुक्रवार को पीटीआई-भाषा को बताया, ”इस महीने की शुरुआत में लाहौर में एक आतंकवाद-रोधी अदालत ने प्रतिबंधित लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े साजिद मजीद मीर को 15 साल की जेल की सजा सुनाई है.” पंजाब पुलिस का आतंकवाद रोधी विभाग (सीटीडी), जो मीडिया को ऐसे मामलों में दोषसिद्धि की जानकारी साझा करता है, ने आतंकवाद के वित्तपोषण के मामले में मीर की दोषसिद्धि की सूचना नहीं दी थी. (भाषा)
Pakistan arrested mastermind of 2008 Mumbai terrorist attacks Sajid Mir?
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— ANI Digital (@ani_digital) June 25, 2022
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निक्केई एशिया की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान वर्षों से मीर की मौजूदगी से इनकार करता रहा है और यहां तककि एक बार यह भी दावा किया था कि वह मर चुका है. साजिद मीर, एफबीआई की मोस्ट वांटेड आतंकवादियों की सूची में है. साजिद पर 5 मिलियन अमरीकी डालर का इनाम भी घोषित है. उसे अमेरिका और भारत दोनों कई सालों से ढूंढ रहे हैं. मीडिया पोर्टल के साथ बातचीत में, पाकिस्तान के पूर्व वित्त मंत्री, हम्माद अजहर ने कहा कि पाकिस्तान ने मीर और अन्य नामित आतंकवादियों के खिलाफ कदम उठाए जो एफएटीएफ के लिए ”संतोषजनक” थे. इसके अलावा, निक्केई एशिया से बात करते हुए, एफबीआई के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि मीर पाकिस्तान में “जिंदा” है और हिरासत में है. उसे सजा सुनाई गई है.